संसद में VB-G Ram G बिल पास: रातभर धरने पर TMC सांसद, विपक्ष बोला- ये यह महात्मा गांधी का अपमान है

संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन राजनीति पूरी तरह गरमा गई। आधी रात के बाद पास हुए VB-G Ram G बिल ने न सिर्फ सदन को, बल्कि संसद परिसर को भी आंदोलन का मैदान बना दिया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद रातभर धरने पर बैठे रहे और विपक्ष ने सरकार पर गरीबों व किसानों के खिलाफ फैसला लेने का आरोप लगाया।
आधी रात का फैसला और खाली विपक्षी बेंच
गुरुवार रात करीब 12:30 बजे राज्यसभा से विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G Ram G बिल, 2025 ध्वनिमत से पास हो गया।हालांकि, इससे पहले विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग करते हुए वॉकआउट कर दिया।सदन में विपक्ष की गैरमौजूदगी में बिल पारित होने को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ गए।
संसद परिसर में रातभर धरना
बिल के पास होते ही TMC सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि यह कानून महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी रोजगार गारंटी की आत्मा पर हमला है।TMC नेताओं ने इसे किसानों और ग्रामीण गरीबों के खिलाफ बताया। शुक्रवार सुबह तक विरोध जारी रहा, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहीं।
सरकार का पक्ष
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कहा,“मैं विपक्ष से गंभीर और सार्थक बहस की उम्मीद कर रहा था, लेकिन उन्होंने केवल बेवजह के आरोप लगाए।”सरकार का दावा है कि नया कानून ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य के अनुरूप ग्रामीण रोजगार को नया ढांचा देगा।
विपक्ष का तीखा हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश की जनता इस बिल को कभी स्वीकार नहीं करेगी।वहीं कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इसे मजदूरों के लिए “सबसे दुखद दिन” बताया।अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी उतनी ही तीखी रहीं:इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा ये लोकतंत्र पर धब्बा, गरीबों के अधिकार छीने गए को आप नेता संजय सिंह ने कहा-किसानों और मजदूरों के खिलाफ, भविष्य में सरकार को वापस लेना पड़ेगा
लोकसभा में 14 घंटे बहस, फिर भी असहमति
यह बिल बुधवार को लोकसभा से भी पास हुआ था। करीब 14 घंटे की लंबी बहस के बावजूद विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और सेलेक्ट कमेटी की मांग दोहराता रहा।
जाने क्या है VB-G Ram G बिल?
MGNREGA की जगह नया ढांचा
VB-G Ram G बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को रिप्लेस करेगा। सरकार का कहना है कि यह ग्रामीण रोजगार को अधिक प्रभावी बनाएगा।
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