Mumbai 26/11 Attack: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत बढ़ी, NIA ने दायर की सप्लीमेंट्री चार्जशीट

Tahawwur Rana
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Mumbai 26/11 Attack : नई दिल्ली स्थित विशेष एनआईए अदालत ने 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत 13 अगस्त तक बढ़ा दी है। उसे इस साल अप्रैल में अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया था। एनआईए ने तहव्वुर राणा के खिलाफ पूरक आरोपपत्र (supplementary chargesheet) दाखिल किया है। अदालत 13 अगस्त को पूरक आरोपपत्र पर विचार करेगी।

26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों से जुड़े एक अहम घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने इसी साल अप्रैल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कस्टडी में बंद मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा से गहन पूछताछ की थी। उसने बताया कि उसने डेविड कोलमैन हेडली के साथ पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के कई ट्रेनिंग सेशन किए थे। राणा ने यह भी कहा था कि वो लश्कर के लिए जासूसी नेटवर्क की तरह काम करता है। इस मामले में जांच के दौरान कई जानकारियां पहले से ही रिकॉर्ड में थीं।

पूछताछ के दौरान, राणा ने अब्दुल रहमान पाशा, साजिद मीर और मेजर इकबाल को जानने की बात भी स्वीकार की। ये तीनों पाकिस्तानी नागरिक हैं और माना जाता है कि 26/11 मुंबई हमलों में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। राणा कई भाषाओं जैसे- हिंदी, अंग्रेजी, अरबी और पश्तो का जानकार है।

राणा अभी भी मानसिक रूप से अपने दिए हुए पुराने जवाबों पर टिका हुआ है। पुलिस को वह जानकारियां तो दे रहा है लेकिन उसके बातचीत के तरीके से उसकी कट्टरपंथी विचारधारा भी झलकती है। अपने बयान में राणा ने दावा किया कि वह पाकिस्तानी सेना का एक भरोसेमंद व्यक्ति था।

हेडली पर किए खुलासे

क्राइम ब्रांच को दिए अपने बयान में राणा ने डेविड हेडली के बारे में भी कई खुलासे किए। उसने बताया कि 2003 और 2004 के बीच हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ तीन ट्रेनिंग कोर्स में हिस्सा लिया था, हालांकि उसे सभी कोर्स के नाम याद नहीं हैं। जब उससे पूछा गया कि मुंबई में पहला इमिग्रेशन सेंटर खोलने का विचार किसका था, तो राणा ने दावा किया कि यह पूरी तरह से उसका अपना विचार था, हेडली का नहीं। हेडली को भेजे गए पैसों के बारे में राणा ने कहा कि यह रकम कारोबारी खर्च के तौर पर भेजी गई थी।


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