मालेगांव विस्फोट मामले में दोषी बरी: असदुद्दीन ओवैसी बोले - फैसला निराशाजनक, लोगों को धर्म के कारण निशाना बनाया

असदुद्दीन ओवैसी बोले - फैसला निराशाजनक, लोगों को धर्म के कारण निशाना बनाया
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नई दिल्ली। मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत द्वारा जो फैसला दिया गया उस पर असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रया दी है। ओवैसी ने अदालत द्वारा सभी दोषियों को बरी किए जाने के फैसले पर निराशा जताते हुए कहा कि, लोगों को धर्म के कारण निशाना बनाया गया था।

असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा - 'मालेगांव विस्फोट मामले का फैसला निराशाजनक है। विस्फोट में छह नमाजी मारे गए और लगभग 100 घायल हुए। उन्हें उनके धर्म के कारण निशाना बनाया गया। जानबूझकर की गई घटिया जाँच-अभियोजन पक्ष ही बरी होने के लिए ज़िम्मेदार है।'

'विस्फोट के 17 साल बाद, अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। क्या मोदी और फडणवीस सरकारें इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी, जिस तरह उन्होंने मुंबई ट्रेन विस्फोटों में आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाने की मांग की थी? क्या महाराष्ट्र के "धर्मनिरपेक्ष" राजनीतिक दल जवाबदेही की मांग करेंगे? उन 6 लोगों की हत्या किसने की?'

'याद कीजिए, 2016 में मामले की तत्कालीन अभियोजक रोहिणी सालियान ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि एनआईए ने उनसे आरोपियों के प्रति "नरम रुख" अपनाने को कहा था। याद कीजिए, 2017 में, एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को बरी करवाने की कोशिश की थी। वही व्यक्ति 2019 में भाजपा सांसद बना।

करकरे ने मालेगांव में हुई साज़िश का पर्दाफ़ाश किया था और दुर्भाग्य से 26/11 के हमलों में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मारे गए। भाजपा सांसद ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था और उनकी मृत्यु उसी श्राप का परिणाम थी।'

'क्या एनआईए/एटीएस अधिकारियों को उनकी दोषपूर्ण जाँच के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा? मुझे लगता है कि हम इसका उत्तर जानते हैं। यह "आतंकवाद के विरुद्ध कठोर" मोदी सरकार है। दुनिया याद रखेगी कि इसने एक आतंकवाद के आरोपी को सांसद बनाया।'

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