भारत ने जीता विमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025, साउथ अफ्रीका पर जीत

भारत ने जीता विमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025, साउथ अफ्रीका पर जीत
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भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार विमेंस वनडे वर्ल्ड कप जीता। शेफाली-दीप्ति के शानदार प्रदर्शन से रचा इतिहास।

भारत पहली बार बना विमेंस वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की। टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार विमेंस वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया। यह जीत सिर्फ एक खेल उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। 47 साल के लंबे इंतजार के बाद आई यह सफलता पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बनी। मैदान पर खिलाड़ियों का आत्मविश्वास, अनुशासन और संयम इस जीत की असली पहचान रहा।

भारत की मजबूत बल्लेबाजी

टॉस साउथ अफ्रीका ने जीता और गेंदबाजी चुनी, लेकिन भारत ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। ओपनर शेफाली वर्मा ने 87 रन की दमदार पारी खेली, जबकि दीप्ति शर्मा ने 58 रन जोड़कर मिडिल ऑर्डर संभाला। स्मृति मंधाना (45) और ऋचा घोष (34) ने भी टीम के स्कोर को मजबूत आधार दिया। भारत ने निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन बनाए। साउथ अफ्रीका की ओर से आयाबोंगा खाका सबसे सफल गेंदबाज रहीं। उन्होंने 10 ओवर में 63 रन देकर 3 विकेट झटके।

साउथ अफ्रीका की लड़खड़ाती पारी

299 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन बीच के ओवरों में भारत ने मैच पर पकड़ बना ली। कप्तान लौरा वोल्वार्ट ने 101 रन की शानदार पारी खेली, लेकिन उनकी मेहनत टीम को जीत तक नहीं पहुंचा सकी। दीप्ति शर्मा ने गेंदबाजी में कमाल करते हुए 5 विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच बनीं। उनके 42वें ओवर में दो महत्वपूर्ण विकेटों ने मैच पूरी तरह भारत की झोली में डाल दिया।

मैच का टर्निंग पॉइंट

42वें ओवर में दीप्ति ने पहले लौरा वोल्वार्ट को आउट कराया और फिर क्लो ट्रायोन को LBW कर दिया। यह ओवर मैच का निर्णायक पल साबित हुआ। इसके बाद साउथ अफ्रीका की पारी लड़खड़ा गई और टीम 246 रन पर ऑलआउट हो गई।

कप्तान हरमनप्रीत की रणनीति सफल

कप्तान हरमनप्रीत कौर ने गेंदबाजी बदलाव और फील्ड प्लेसमेंट में सूझबूझ दिखाई। मैच के बाद उन्होंने कहा, “यह जीत पूरे देश की मेहनत और उम्मीदों की जीत है। हमारी टीम ने पिछले कई महीनों से जो अभ्यास किया, आज उसका नतीजा दिखा।” टीम की एकजुटता और संयम इस फाइनल की असली ताकत रहे। युवा खिलाड़ियों ने दबाव में भी शानदार प्रदर्शन किया।”

भारत इससे पहले दो बार 2005 और 2017 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचा था, लेकिन खिताब जीत नहीं सका। इस बार टीम ने न सिर्फ दबाव झेला बल्कि हर मौके पर अपना स्तर ऊपर उठाया। भारत के लिए यह जीत वैसी ही ऐतिहासिक है जैसी 1983 में पुरुष टीम की थी। उस जीत ने जैसे भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी थी, वैसे ही यह जीत महिला क्रिकेट के नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।

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