दिल्ली ब्लास्ट: DL10-CK-0458 नंबर की लाल इकोस्पोर्ट की तलाश जारी

PM मोदी ने LNJP में घायलों से मुलाकात की
दिल्ली में हुए हालिया धमाके के मामले में सुरक्षा एजेंसियां एक्टिव हैं। पुलिस ने एक लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट (रजिस्ट्रेशन DL10-CK-0458) की तलाश के लिए अलर्ट जारी किया है। इस कार में भी विस्फोटक सामग्री होने की आशंका है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार यह कार डॉ. उमर उन नबी के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस ने दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी सतर्कता बढ़ा दी है। स्थानीय टीमें संदिग्ध वाहन की भौगोलिक खोज कर रही हैं और चेकपोस्ट बढ़ा दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री एयरपोर्ट से सीधे LNJP अस्पताल पहुंचे
पीएम ने वहां आधा घंटा बिताया और घायलों से स्थिति जानी। उनका कहना था कि साजिश को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों से इलाज के बारे में जानकारी ली और घायलों व परिजनों से बात की। अस्पताल एवं पुलिस के बयानों के अनुसार स्थानीय प्रशासन ने घायलों के उपचार और सुरक्षा व्यवस्था में त्वरित कदम उठाए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि आतंकियों ने बड़े पैमाने पर रणनीति बनाई थी। उन रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग 200 IEDs की मदद से 26/11 जैसे समन्वित हमले कराने की साजिश रची गई थी। लक्ष्यस्थलों में लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर शामिल थे। बताया गया है कि गुरुग्राम, फरीदाबाद और देश के प्रमुख रेलवे स्टेशन तथा बड़े मॉल भी टारगेट में थे। सरकारी सूत्रों का कहना है कि जांच अभी शुरुआती दौर में है। फरीदाबाद से पकड़े गए आरोपी डॉ. शाहीन शाहिद ने दावा किया कि वह दो वर्षों से विस्फोटक सामग्री जमा कर रही थी।
जांच में यह भी सामने आया है कि यह नेटवर्क एक ‘व्हाइट-कॉलर’ मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था। जांच एजेंसियां यह संकेत दे रही हैं कि इसमें पेशेवर सक्रिय रहे हैं और संगठनात्मक ढांचा संगठित था। एजेंसियों का मानना है कि इस मॉड्यूल का लिंक जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे समूहों से जुड़ा हो सकता है। जांच में यह भी जिक्र है कि कश्मीर के कुछ इलाकों से कौशल या आवागमन संबंधी मदद ली गई थी, ताकि आरोपियों को आसानी से कहीं भी भेजा जा सके। पुलिस ने कहा है कि जांच के दौरान मिली फॉरेंसिक सामग्री और मोबाइल लोकेशन डेटा निर्णायक साबित हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस का विशेष एक्शन फोर्स और एनआईए से तालमेल कर क्षेत्रीय तलाशी अभियान चला रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जांच में मिलने वाले हर सुराग को तकनीकी और फॉरेंसिक तरीके से परखा जा रहा है।
