बिहार चुनाव: BJP पहली बार नंबर-1, नीतीश की भूमिका पर सवाल

बिहार चुनाव: BJP पहली बार नंबर-1, नीतीश की भूमिका पर सवाल
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बिहार में NDA की बड़ी जीत, BJP 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी। क्या बदलेगा सत्ता समीकरण और नीतीश कुमार की भूमिका? पढ़ें पूरा अपडेट।

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे तस्वीर साफ कर चुके हैं। NDA गठबंधन भारी बढ़त के साथ सरकार बनाने की कगार पर है और इस बार समीकरण बदले हुए हैं। पहली बार BJP राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है। दोपहर 1 बजे तक के आंकड़ों में NDA को 206 सीटों पर बढ़त मिली, जिनमें BJP लगभग 89 सीटों पर आगे रही। इन नतीजों ने सत्ता के भीतर भूमिका और नेतृत्व को लेकर नई चर्चा छेड़ दी है।

BJP का रिकॉर्ड प्रदर्शन

पिछले दो दशकों में BJP ने कई बार महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन इस बार उसकी स्थिति अलग है। पार्टी पहली बार बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बनकर उभरी है, जबकि JDU लगभग 85 सीटों के आसपास सिमटती दिख रही है। विश्लेषकों के अनुसार, यह बदलाव बिहार की राजनीति में एक लंबे समय के संक्रमण का संकेत देता है।

नीतीश कुमार की भूमिका पर चर्चा

बीते 20 वर्षों में नीतीश कुमार NDA के भीतर लगातार मुख्य चेहरा रहे हैं। 2005 से लेकर 2020 तक, चाहे JDU की सीटें घटें या बढ़ें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर उन्हीं का कब्ज़ा रहा। लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग हैं। BJP अब मुख्यमंत्री पद पर दावा कर सकती है। दोनों का मानना है कि नीतीश कुमार सक्रिय राजनीति से दूरी बनाने या 'मेंटॉरशिप रोल' में जाने का विकल्प चुन सकते हैं। हालाँकि सीनियर जर्नलिस्ट अरुण पांडे का मत इससे अलग है। उनका कहना है कि BJP फिलहाल किसी विवाद या "इमेज रिस्क" से बचना चाहेगी और नीतीश को ही मुख्यमंत्री रख सकती है, लेकिन सरकार की दिशा और निर्णयों में असर BJP का ही रहेगा।

सत्ता संतुलन में अहम बदलाव

नतीजों के बाद यह माना जा रहा है कि सरकार के प्रमुख विभाग जैसे गृह, वित्त, स्वास्थ्य और राजस्व BJP अपने पास रख सकती है। JDU को एक डिप्टी सीएम पद मिलने की संभावना बताई जा रही है। नई नीतियों, बड़ी योजनाओं और विधायी फैसलों में भी BJP की पकड़ मजबूत रहेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कार्यकाल में कई बार JDU ने स्वतंत्र रुख अपनाया, लेकिन अब रणनीतिक फैसले दिल्ली और पटना, दोनों स्तरों पर और अधिक केंद्रीकृत होंगे।

केंद्र की राजनीति पर असर

केंद्र में BJP को इस समय पूर्ण बहुमत नहीं है और JDU उसकी अहम सहयोगी है। बिहार में JDU की कमजोर स्थिति और BJP की बढ़ी ताकत राष्ट्रीय राजनीति पर भी प्रभाव डालेगी। इससे भाजपा को दिल्ली में नीति और गठबंधन संतुलन को संभालने में अपेक्षाकृत अधिक सहजता मिल सकती है। बिहार के ताज़ा नतीजे सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि राजनीतिक समीकरणों के बड़े बदलाव का संकेत हैं। BJP का नंबर-1 बनना भविष्य की राजनीति को नई दिशा दे सकता है। नीतीश कुमार की भूमिका चाहे जैसे तय हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि NDA सरकार में BJP की पकड़ पहले से कहीं अधिक मजबूत होगी। आने वाले दिनों में कैबिनेट संरचना, नीतिगत फैसले और CM पद को लेकर अंतिम फैसला राजनीतिक कहानी को आगे बढ़ाएगा। बिहार में सत्ता का यह नया अध्याय अगले कुछ वर्षों की दिशा तय करेगा।

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