Bihar Assembly Election: ओवैसी अकेले लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव, महागठबंधन ने साथ देने से किया इंकार

Bihar Assembly Election: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बार चर्चा में हैं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जिन्हें महागठबंधन से झटका मिला है। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने साफ कर दिया है कि वे ओवैसी की पार्टी के साथ कोई चुनावी तालमेल नहीं करेंगे। जानकारी के मुताबिक़ कुछ दिन पहले AIMIM ने लालू यादव और कांग्रेस नेतृत्व को पत्र लिखकर महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक न तो उस प्रस्ताव को गंभीरता से लिया गया और न ही कोई सकारात्मक जवाब भेजा गया। अब यह तय माना जा रहा है कि AIMIM को महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा।
इस फैसले के पीछे महागठबंधन का यह तर्क है कि किसी भी ऐसी पार्टी से दूरी बनाई जाएगी जिसकी छवि समाज को बांटने वाली मानी जाती हो। गठबंधन का मानना है कि इस तरह के फैसलों से भाजपा को फायदा पहुंचता है। इसीलिए वे नहीं चाहते कि कोई तीसरा मोर्चा विपक्ष की एकता को कमजोर करे।
ओवैसी अकेले लड़ेंगे चुनाव
इस घटना के बाद AIMIM न अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी सीमांचल के इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति बना रही है। ओवैसी ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमने सहयोग की इच्छा जताई थी, लेकिन जब जवाब ही नहीं मिला तो हम भी अपने रास्ते चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। अब एकतरफा मोहब्बत का कोई मतलब नहीं।" ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि महागठबंधन के कुछ दल नहीं चाहते कि कमजोर तबकों की आवाज उठाने वाला कोई नेता उभरे। साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि उनकी पार्टी पर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
इसके अलावा ओवैसी ने बिहार में चल रही मतदाता सूची की गहन जांच पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे "बैक डोर एनआरसी" का नाम दिया और चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि नागरिकता तय करना चुनाव आयोग का काम नहीं है और यह पूरी कवायद जल्दबाज़ी में की जा रही है।
