लालू यादव से जमीन के बदले नौकरी पाने वाले रेल कर्मियों पर एफआईआर, जानिए कैसे किया घोटाला

लालू यादव से जमीन के बदले नौकरी पाने वाले रेल कर्मियों पर एफआईआर, जानिए कैसे किया घोटाला

पटना। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान हुए नियुक्ति घोटाले में सीबीआई ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। जिसमें 12 ऐसे लोगों के नाम भी शामिल जिन्होंने लालू यादव के परिवार को जमीन देकर रेलवे में नौकरी ली थी। एफआईआर में लालू के परिवार के सदस्यों को उम्मीदवारों से मिली पूरी जमीन का ब्यौरा है। माना जा रहा है की अभी और नामों का खुलासा हो सकता है साथ ही लालू यादव का साथ देने वाले तत्कालीन रेल अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

जमीन के बदले नौकरी पाने वाले नाम -

  • संजय राय, धर्मेद्र राय, रवींद्र राय ने अपने पिता कामेश्वर राय की महुआबाग की 3375 वर्गफुट जमीन छह फरवरी 2008 को राबड़ी देवी के नाम पर रजिस्ट्री की. इसके एवज में इन्हें सेंट्रल रेलवे, मुंबई में ग्रुप-डी में नौकरी मिली।
  • विशुन देव राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफीट जमीन 29 मार्च 2008 को सीवान के रहनेवाले ललन चौधरी के नाम ट्रांसफर की. ललन चौधरी ने यह जमीन हेमा यादव को 28 फरवरी 2014 को तोहफे में दे दी. सीबीआई के मुताबिक इस तोहफे के बदले में विशुन देव राय के पोते पिंटू कुमार को पश्चिम रेलवे, मुंबई में नौकरी दी गई।
  • हजारी राय ने महुआबाग की अपनी 9527 वर्गफुट जमीन 10.83 लाख रुपए लेकर मेसर्स एके इंफोसिस के नाम लिख दी. इसके एवज में हजारी राय के दो भांजे दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार में से एक को पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर और दूसरे को पूर्वोत्तर रेलवे कोलकाता में नौकरी दी गई. जांच में पाया गया कि इस कंपनी की सारी संपत्ति पूरे अधिकार के साथ वर्ष 2014 में लालू प्रसाद की बेटी और पत्नी को हस्तांतरित किए गए।
  • राजकुमार, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को नौकरी देने के नाम पर किशुन देव राय और उनकी पत्नी सोनमतिया देवी से छह फरवरी 2008 को महुआबाग की 3375 वर्गफुट जमीन राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर कराई गई. जमीन की कीमत 3.75 लाख दिखाई गई है. इसके एवज में तीनों को सेंट्रल रेलवे, मुंबई में नौकरी मिली।
  • लाल बाबू राय ने महुआबाग की अपनी 1360 वर्गफुट जमीन 23 मई 2015 को राबड़ी देवी के नाम ट्रांसफर की, जिसके एवज में लाल बाबू को 13 लाख रुपए मिले. इसके पहले ही उनके पुत्र लालचंद कुमार को 2006 में उत्तर-पश्चिम रेलवे, जयपुर में नौकरी लग गई थी।
  • किरण देवी नाम की महिला ने 28 फरवरी 2007 को बिहटा की अपनी 80905 वर्गफुट (एक एकड़ 85 डिसमिल) जमीन लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती के नाम कर दी. इस जमीन के एवज में किरण देवी को 3.70 लाख रुपए और उनके पुत्र अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे मुंबई में नौकरी दी गई।
  • ब्रजनंदन राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफुट जमीन 29 मार्च 2008 को गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख लेकर ट्रांसफर की. बाद में यह जमीन हृदयानंद चौधरी ने लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव के नाम कर दी. जमीन जब तोहफे में दी गई उस वक्त सर्किल रेट 62.10 लाख रुपये था. हृदयानंद चौधरी को पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में साल 2005 में ही नौकरी मिल गई थी।

ये है मामला -

दरअसल, लालू प्रसाद यादव वर्ष 2004-2009 के दौरान जब रेलमंत्री थे। उन्होंने उस समय बिना विज्ञप्ति जारी किए कई लोगों को रेलवे में चतुर्थ श्रेणी पद पर नौकरी दी थी। जिसके बदले में उम्मीदवारों के परिजनों से लालू प्रसाद यादव ने परिवार के सदस्यों के नाम जमीन नाम करा ली थी। लालू यादव की पत्नि राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और दिल्ली की एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर ये जमीनें गिफ्ट की गई थी। इस जमीन की कुल कीमत इसकी कीमत 4 करोड़ 39 लाख 80 हजार 650 रुपये है।

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