बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन: सुप्रीम कोर्ट याचिका पर सुनवाई के लिए राजी, सिब्बल ने कहा - इससे हटाए जाएंगे लाखों लोगों के नाम

Supreme Court
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Bihar Voter List Revision : पटना। बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन (SIR) के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से जल्द सुनवाई की मांग की थी। सिब्बल ने कहा कि, इससे लाखों लोगों के नाम हटाए जाएंगे। महिलाएं, गरीब लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। चुनाव आयोग के इस कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए तत्काल बहस करने की जरूरत है।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूचियों के ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को सुनवाई करेगा।

एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 4 जुलाई की अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वोटर लिस्ट के रिवीजन को ADR ने असंवैधानिक बताया था साथी चेतावनी दी थी कि, इससे "लाखों मतदाता वंचित हो जाएंगे।" यह याचिका अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर की गई थी।

शीर्ष अदालत में एक और याचिका राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने दायर की थी। उन्होंने कहा कि यह कवायद “जानबूझकर बिहार के मोबाइल कार्यबल को महत्वपूर्ण चुनावी अवधि के दौरान मताधिकार से वंचित करने के लिए की गई है”

रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने चुनावी राज्य में इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने इस मामले पर "सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था और कोई भी किसी न किसी कारण से मतदाता सूची की वर्तमान स्थिति से संतुष्ट नहीं था।"

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि, रोल संशोधन की प्रक्रिया 24 जून को घोषित किए गए आदेश के अनुसार की जा रही है और "निर्देशों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।"

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