बिहार विधानसभा चुनावों में अब 'MY' शब्द की परिभाषा बदल गई

बिहार विधानसभा चुनावों में अब MY शब्द की परिभाषा बदल गई
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बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के बाद 'MY' का अर्थ बदल गया है मुस्लिम-यादव से हटकर अब महिला और युवा वोटर हैं नई निर्णायक ताकत।

बिहार चुनाव: अब MY यानी मुस्लिम-यादव वोट बैंक नही

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलते दिख रहे हैं। राज्य की 243 सीटों में से 121 पर हुए मतदान में 64.69% की रिकॉर्ड भागीदारी दर्ज की गई है। यह आंकड़ा न केवल मतदाताओं की बढ़ती जागरूकता को दिखाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि पारंपरिक जातीय समीकरण अब पहले जैसे असरदार नहीं रहे।

अब 'MY' का मतलब महिला और युवा वोटर

बिहार की राजनीति में लंबे समय तक “MY” यानी मुस्लिम-यादव वोट बैंक को निर्णायक माना जाता रहा है। महागठबंधन की रणनीति भी अक्सर इसी आधार पर तैयार होती रही। लेकिन इस बार चुनावी विश्लेषक कह रहे हैं कि मैदान पर एक नई परिभाषा उभर कर आई है अब “MY” का मतलब महिला और युवा है। पहले चरण के मतदान के आंकड़ों से यह साफ है कि महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही। ग्रामीण इलाकों में यह अंतर 3 से 4 प्रतिशत तक पहुंच गया। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि महिलाओं ने इस बार विकास, सुरक्षा और रोजगार के मुद्दों पर वोट डाला है, न कि केवल जाति या परंपरा के आधार पर।

इसी तरह, पहली बार वोट डालने वाले युवाओं की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बिहार के चुनावी इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब 18 से 25 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की उपस्थिति ने परंपरागत दलों को रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया। राजनीति के जानकार कहते हैं कि युवाओं का झुकाव इस बार किसी एक गठबंधन तक सीमित नहीं है। रोजगार, शिक्षा और माइग्रेशन जैसे मुद्दों ने उनकी प्राथमिकता तय की है। पहले चरण के मतदान के बाद राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार की दिशा बदली। महिलाओं और युवाओं को केंद्र में रखकर नए वादे और घोषणाएं की।

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