Home > लेखक > जनादेश 2022 : भाजपा के कान उमेठे, कांग्रेस को जमीन दिखाई

जनादेश 2022 : भाजपा के कान उमेठे, कांग्रेस को जमीन दिखाई

अतुल तारे

जनादेश 2022 : भाजपा के कान उमेठे, कांग्रेस को जमीन दिखाई
X

भोपाल। नगरीय निकाय के दूसरे चरण के परिणाम ने मध्यप्रदेश के वर्तमान एवं भविष्य की राजनीति के लगभग स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। जनादेश नि:संदेह भारतीय जनता पार्टी के लिए एक सबक लेकर आए हैं, वहीं कांग्रेस नतीजों से प्रसन्न हो सकती है ,पर जमीनी हालात वह भी समझ रही है, कारण जहाँ वह महापौर बनाने में सफल रही है वहीं परिषद में उसे बहुमत नहीं है। संदेश साफ है भाजपा को घर को ठीक करने की जरूरत है, अन्यथा कांग्रेस को इसका लाभ मिलेगा।

आज आए परिणामों ने भाजपा को चंबल और विंध्य ने फिर निराश किया है।चंबल में मुरैना भाजपा हार गई।यह क्षेत्र केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का संसदीय क्षेत्र है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का घर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव क्षेत्र है। विंध्य ने 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को ताकत दी पर प्रतिनिधित्व में उसे स्थान सरकार आने के बाद 2019 में मिला नहीं। संख्या का यह संतुलन चंबल की ओर झुका। सिंधिया के चलते यह विवशता भी थी। पर एक केंद्र भारी होने के चलते आज संकट में है और दूसरा उपेक्षित होने के चलते।

विंध्य, महाकौशल में भाजपा पहले जबलपुर, छिंदवाड़ा नगर निगम हारी, आज उसने रीवा और कटनी गंवा दी। कटनी, खजुराहो संसदीय क्षेत्र में आता है और प्रदेश अध्यक्ष की यह सीट है। वहीं रीवा विधानसभा अध्यक्ष गणेश गौतम के प्रभाव का क्षेत्र है। मालवा ने जरूर फिर एक बार भाजपा को आशीर्वाद दिया है। रतलाम एवं देवास में भाजपा विजयी रही है। परिमाण जैसा स्वदेश ने पूर्व में ही संकेत कर दिया था, लगभग वही है। 16 नगर निगम में भाजपा को कुल 9, कांग्रेस को ५,एक निर्दलीय और एक आम आदमी पार्टी को मिली है। मजे की बात यह है कि भाजपा ने महापौर की सीट गंवाई पर परिषद में बहुमत प्राप्त किया है। यह संकेत है कि जनता या कार्यकर्ता भी भाजपा को खा रिज नहीं कर रहा, सिर्फ कान उमेठ रहा है। इस रस्म से कांग्रेस बल्ले-बल्ले होने का सुख मना सकती है, पर जन्नत की हकीकत वह भी समझ रही है।

जहां तक कटनी का प्रश्न है तो भाजपा वहाँ हालात संभाल सकती है और यह संकेत महापौर प्रीति सूरी ने भी दिए हैं। इधर नगर पालिका एवं पंचायतों में भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है। लगभग सभी स्थानों पर भाजपा को संतोषजनक बढ़त है। आंकड़ों को लेकर यद्यपि परस्पर विरोधी दावे भी हैं। पर मोटे तौर पर निर्दलीय भी जो जीते हैं वह भाजपा से जुड़े हैं। यह ध्यान में आ रहा है। स्थिति देर रात तक स्पष्ट होगी। जनादेश को अगर 2023 के प्रकाश में देखें तो दोनों ही दलों को आत्म निरीक्षण की आवश्यकता है। कांग्रेस अभी है नहीं, पर भाजपा अवसर दे रही है। वहीं भाजपा के प्रति एक विश्वास के बावजूद वरिष्ठ नेतृत्व को विचार यह तुरंत करना ही चाहिए आखिर यों यह हालात बन रहे हैं।

Updated : 13 April 2024 12:57 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Atul Tare

Swadesh Contributors help bring you the latest news and articles around you.


Next Story
Top