मेरठ। समाजवादी पार्टी से बगावत करके समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव की नई पारी का आगाज आज शुक्रवार को वेस्ट यूपी के मुजफ्फरनगर जिले से होगा। यहां पर बुढ़ाना में राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के जरिए शिवपाल सपा से अलग सियासी पारी शुरू करेंगे। इसके लिए हाशिए पर चल रहे सपा नेताओं को भी बुलाया जा रहा है। भाजपा से लेकर बसपा और अब सपा से बगावत करने वाले शिवपाल सिंह यादव ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सियासी तापमान को गरमा दिया है। समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले शिवपाल ने शुक्रवार को अपना पहला राष्ट्रीय एकता सम्मेलन मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में आयोजित करने का फैसला किया है। इससे समाजवादी पार्टी में सियासी खलबली मच गई है और सपा में ठिकाने लगे कार्यकर्ता फिर से सक्रिय हो गए है। इस सम्मेलन में कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम भी भाग लेंगे।
हाशिये पर पहुंचे सपा नेताओं का लेंगे साथ : शिवपाल यादव अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत वेस्ट यूपी में करने जा रहे हैं तो वह सपा में हाशिये पर पहुंचे कार्यकर्ताओं को ही अपने मोर्चा से जोड़ेंगे। इसके लिए सपा नेताओं को सम्मेलन में आने का न्योता दिया जा रहा है। शिवपाल के सेक्युलर मोर्चा के वेस्ट यूपी प्रभारी मरगूब त्यागी का कहना है कि शिवपाल सिंह यादव धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने की मुहिम पर निकले हैं। इस मुहिम में छोटे राजनीतिक दलों को भी साथ लेकर एक मजबूत राजनीति मोर्चा खड़ा किया जाएगा। बुढ़ाना के बाद धर्मनिरपेक्षता की यह यात्रा प्रदेश के सभी जिलों से होकर गुजरेगी।2013 के बाद से ही अहम मुजफ्फरनगर : 2013 के दंगों के बाद से ही मुजफ्फरनगर सियासी दलों के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है। यही कारण है कि शिवपाल भी अपने नए राजनीतिक सफर को इसी जनपद के बुढ़ाना से शुरू करना चाह रहे हैं। इसका सीधा मकसद यहां की मुस्लिम राजनीति को प्रभावित करना है। समाजवादी पार्टी का मुख्य आधार मुस्लिम ही रहे हैं। ऐसे में शिवपाल ने वेस्ट यूपी को अपनी नई कर्मभूमि बनाकर सपा, बसपा और भाजपा को साफ संकेत दे दिया है। शिवपाल के इस कदम से राजनीतिक दलों में खलबली मच गई है और उनकी निगाह इस सम्मेलन पर लगी हुई है।