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श्रीकृष्ण के गांव नंदगांव में लठामार होली में बरसा आनंद

Update: 2019-03-16 19:30 GMT

बरसाने की गोपीं फ गुवा मांगन आईं, कियौ जुहार नंद जू कौं भीतर भवन बुलाई..

नंदगांव। कान्हा के गांव नंदगांव में शनिवार को द्वापर जैसा नजारा दिखा। सोलह श्रृंगारों से सजी धजी नंदगांव की हुरियारिनें बरसाना के हुरियारों पर तड़ातड़ लाठियां बरसा रहीं थी। हुरियारिनों के लाठियों के वारों को बरसाना के हुरियारे ढालों पर सहकर अपना बचाव कर रहे थे। लाठियों के वार जितने तेज हो रहे थे नंदगांव बरसाना के लोगों के प्रेम सम्बंधों में इतनी ही प्रगाढ़ता बढ़ रही थी।


वैश्विक मंच पर दोनों गांवों की साझा संस्कृति के हजारों लोग गवाह बन रहे थे। नंदगांव में भोर से ही गोप गोपियां तैयारियों में जुट गए। कृष्णकाल की लीला जो जीवंत करनी है। घर घर रंग भिगोए गए। दशकों पूर्व तांबा, पीतल आदि धातुओं से ड्राम नुमा तामिनियों में टेसू के फूलों को सुखाकर प्राकूतिक रंग बनाया जाता था लेकिन अब तो सब घरों के आगे प्लास्टिक की बडी बडी टकीयां मिश्रित रंगों से भरे हैं।

दोपहर करीब ढ़ाई बजे बरसाना के हुरियारे राधारानी स्वरूप पताका के साथ कुछ लोग पैदल तो कुछ वाहनों से यशोदा कुंड पहुंचे। इस दौरान पहले तो हुरियारों ने चक्क भांग ठंडाई छानी। इसके बाद हुरियारिनों के प्रहारों से बचने के लिए प्राथमिक उपचार सिर पर पगडी बांधकर किया। बरसाना में हुरियारों से मिली करारी हार का बदला जो लेना है। इसीलिए हुरियारों ने लाठियां बरसने से पूर्व पूरी तैयारी कुंड पर की। इसके बाद हुरियारे भूरे का थोक होते हुए नंदबाबा के पहाड़ी स्थित भवन (नंदभवन) पर झुंडों में हंसी ठिठोली करते पहुंचे। नंदगांव के गोप ग्वाले यहां पहुंचने वालों हुरियारों का टेसू के फूलों के रंग से सराबोर कर स्वागत कर रहे थे। नंदभवन में होली के पदों के साथ अबीर गुलाल हवाओं में तैरने लगा। माहौल में फिर से रंगत आ जाती है। भंग की तरंग और प्रेमभरे रसियाओं से हुरियारे मदमस्त होने लगे।

इधर नंदभवन में लगभग एक घंटे तक रंगों से सराबोर होने के बाद बरसाने के हुरियारे नंदगांव की गोपियों से हंसी मजाक करते हुए रंगीली गली से निकले। गोपियों के साथ होली के रसियों का गायन कर नृत्य किया। सांझ ढलने लगी थी। समाज का आदेश हुआ कि सूर्यदेव छिप गए हैं, लठामार बंद की जाए। बरसाना के हुरियारे गोपियों के चरणस्पर्श कर बरसाने को कूच कर गए।  

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