मायावती ने गेस्ट हाउस कांड को किया याद, सपा से बताया पार्टी दफ्तर को खतरा, कहा - सुरक्षा दे सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि उनकी सरकारों में बसपा के यूपी स्टेट कार्यालय के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य किया है। जहां से षड्यन्त्रकारी, अराजकतत्व पार्टी दफ्तर और कर्मचारियों एवं राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं।

Update: 2024-01-08 09:16 GMT

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए सपा को अति-पिछड़ों के साथ-साथ दलित-विरोधी पार्टी बताया है। उन्होंने कहा कि लोग 'गेस्ट हाउस कांड' को भूले नहीं है। 

मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर कहा कि पिछली लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा से गठबंधन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेण्डे पर आ गई। सपा मुखिया अब जिससे भी गंठबंधन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है,जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है। वैसे भी सपा के दो जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों(गेस्ट हाउस कांड) को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं।

पार्टी कार्यालय को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग 

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि उनकी सरकारों में बसपा के यूपी स्टेट कार्यालय के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य किया है। जहां से षड्यन्त्रकारी, अराजकतत्व पार्टी दफ्तर और कर्मचारियों एवं राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं। इनकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा। सुरक्षा को देखते हुए पार्टी की प्रमुख बैठके भी अपने निवास पर करने को मजबूर है। उन्होंने से सरकार से वर्तमान पार्टी कार्यालय को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की है। उन्होंने किसी भी पार्टी से गठबंधन करने की बात को भी सिरे से खारिज किया है।

उल्लेखनीय है कि अखिलेश यादव ने बलिया में पत्रकारों से पूछे गये सवाल पर बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इसके बाद रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने भी अखिलेश पर हमला बोलते हुए अपने गिरेंबा में झांकने की नसीहत दी थी।

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