मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनाया पिता से मुलाकात का किस्सा, बताया- -वह भीड़ में बैठे थे, मैंने मंच से देखा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'मेरे पिताजी का देहांत 2020 में हो गया था, मैं उससे पहले उनसे और अपने परिवार के लोगों से कई वर्षों से नहीं मिल पाया
लखनऊ। वर्षों पहले अपना घर छोड़ सन्यास ले चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी परिवार का जिक्र आता है भावुक हो जाते है। ऐसा ही एक मीडिया इंटरव्यू में हुआ जब पिछले पिछले साल उत्तराखंड दौरे के दौरान माँ और परिवार से मुलकात का जिक्र चला। जब बात पिता तक पहुंची तो वह उनसे मुलाकात का एक किस्सा सुनाते हुए भावुक हो गए। उन्होंने बताया की उनके पिता एक सभा में पहुंचे थे और उनका भाषण सुन रहे थे, तभी उनकी नजर पिताजी पड़ गई।
योगी ने बताया कि पिता कभी उनसे मिलने लखनऊ नहीं आए, हां, नजीबाबाद में एक बार उनकी मुलाकात हुई थी।नजीमाबाद में मैं एक चीनी मिल के उद्घाटन में गया था। यहां कार्यक्रम के दौरान मंच से भाषण करते हुए मैंने देखा सामने कोई बैठा है। योगी मुस्कुराते हुए बोले, “मैं उन्हें पहचान गया। मैंने कहा, ये मेरे पिताजी हैं लगता है। वह सभा के बीच में बैठे हुए थे। फिर मैंने सभा समाप्त होने के बाद अपने साथ के कुछ लोगों से कहा कि देखो वो आए हैं, उन्हें बुलाओ थोड़ी मुलाकात करते हैं। तब मेरी मुलाकात हुई थी।”
पिता के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा -
योगी आदित्यनाथ ने भावुक होते हुए कहा कि 'मेरे पिताजी का देहांत 2020 में हो गया था, मैं उससे पहले उनसे और अपने परिवार के लोगों से कई वर्षों से नहीं मिल पाया था। संयोग से कोरोना काल के दौरान पिता के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में मैं भाग नहीं ले पाया। मुझे जब गत वर्ष अवसर मिला तो मैं अपनी मां से मिलने गया था।'' उन्होंने कहा, एक मां और पुत्र के बीच जो संवाद होने चाहिए थे, वही संवाद हम दोनों के बीच हुए।