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यूपी में तेज होगी निर्यात की मुहीम, 26 देशों में जाएंगे प्रदेश में बने प्रोडक्ट्स

Update: 2022-07-02 14:24 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कारोबारी मामलों की भी बेहतर समझ रखते हैं। यही वहज है कि बीते साढ़े पांच वर्षों में जहां बड़े-बड़े कारोबारियों ने उत्तर प्रदेश में अपना उद्यम स्थापित करने में रुचि ली है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में बने उत्पादों का निर्यात बढ़ा है। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश से 88 हजार करोड़ निर्यात होता था, आज एक लाख 55 हजार करोड़ तक निर्यात पहुंच गया है। 

योगी सरकार की औद्योगिक नीतियों और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाये गए कदमों की वजह से यह संभव हुआ है। अब जल्दी ही उत्तर प्रदेश में बनने वाले उत्पाद कई अन्य देशों में छाएंगे। प्रदेश सरकार ने दस प्रमुख देशों के अलावा अब निर्यात के लिए यूरोप, मध्य पूर्व एवं अफ्रीका के 26 देशों में निर्यात को बढ़ावा देने की तैयारी कर ली है। इन देशों में खिलौने, वीडियो गेम्स, परिधान, चर्म उत्पाद, कारपेट, इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद, आयरन एवं स्टील के सामान एवं फर्नीचर समेत ढेरों उत्पाद निर्यात करने की मुहिम तेज होगी। 

उत्तर प्रदेश भारत में पांचवें सबसे बड़े निर्यात क्षेत्र के रूप में अब जाना जाता है। अभी अमेरिका व यूके समेत दस देश को उत्तर प्रदेश से बड़े पैमाने पर सामान निर्यात किया जाता है। अब राज्य में बने उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के क्रम में एमएसएमई विभाग के निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो ने करीब 26 और ऐसे देशों को चिह्नित किया है। अभी इन देशों में निर्यात के लिहाज से राज्य की मौजूदगी कम है। यह देश हैं, कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, बेल्जियम, डेनमार्क, इटली, मोरक्को, पोलैंड, स्वीडन, स्पेन, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, नाइजीरिया, कतर, ओमान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, फिलीपीन्स, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड और ताइवान। अब इन देशों में निर्यात को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलेगा। 

निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अफसरों के अनुसार, उक्त देशों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इन देशों में व्यापारिक एजेंट तलाशे जाएंगे। इनके जरिए वहां की खरीदारों, आयातक कंपनियों तक पहुंचकर उनके बीच उत्तर प्रदेश के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। ताकि वहां से नए उप्र के निर्माताओं व निर्यातकों के लिए नए आर्डर मिल सकें। यही नहीं विदेशी खरीददारों को उप्र में आमंत्रित कर व्यापारिक सम्मेलन आदि आयोजित किये जाएंगे। इन देशों में भारतीय दूतावास के जरिए इस मुहिम को तेज किया जाएगा। इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों के समक्ष यूपी के नए उत्पाद पेश किए जाएंगे और मंत्रालय उप्र के निर्यातकों एवं खास देश के खरीदारों की बैठक आयोजित करने में सहयोग करेगा।

यहीं नहीं ट्रेड इवेंट्स में उप्र की भागीदारी कराई जाएगी और यहां के निर्यातकों को वहां पवेलियन लगाने एवं अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार अभी उप्र में बने उत्पादों का सबसे अधिक निर्यात यूएसए, यूएई, नेपाल, यूके, जर्मनी, वियतनाम, नीदरलैंड, फ्रांस, चीन और इजिप्ट में होता है। अब कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, बेल्जियम, डेनमार्क, इटली जैसे 26 देशों में भी निर्यात को बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि उप्र के ओडीओपी उत्पादों को उक्त देशों के लोग पसंद करेंगे।

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