मुंबई। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने लोकसभा चुनाव के दौरान तय किए गए फार्मूले की याद दिलाते हुए भाजपा को अब अपने वादे पर अमल करने की सलाह दी है। उद्धव ने कहा कि हमें सरकार बनाने की जल्दबाजी नहीं है। भाजपा-शिवसेना के वरिष्ठ नेता बैठक आयोजित कर पारदर्शी निॆर्णय लेंगे। इसके बाद सरकार बनाने के लिए दावा किया जाएगा।
उद्धव शिवसेना भवन में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री किसका होगा। इसके जवाब में उद्धव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा-शिवसेना के बीच गठबंधन का फार्मूला तय किया गया था। भाजपा को अब उस फार्मूले पर अमल करना चाहिए। सरकार बनाने की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। सारे पहलुओं पर विचार करे ठोस निर्णय लिए जाएं। उद्धव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान तय किया गया था, विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ेंगीं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में गठबंधन के फार्मूले पर मोहर लगाई गई थी। उद्धव के मुताबिक विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के समय भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि हमारी दिक्कतें समझी जाएं। लिहाजा शिवसेना ने कम सीटों पर समझौता किया था। बार-बार दूसरों की परेशानियों के लिए समझौता करना शिवसेना के लिए संभव नहीं, क्योंकि हमें भी अपनी पार्टी चलानी है।
उद्धव ने कहा कि भाजपा और शिवसेना के वरिष्ठ नेता बैठक आयोजित करके आगे का निर्णय लेगें। बिना किसी जल्दबाजी के पारदर्शी निर्णय लिए जाएंगे और उसके बाद सरकार बनाने के लिए अगली कार्यवाही की जाएगी। दोनों दलों के वरिष्ठ नेता एकसाथ बैठकर निर्णय लेंगे और जरूरत पड़ी तो अमित शाह भी आएंगे। हालांकि उद्धव ने कहा कि मसला मुख्यमंत्री पद का नहीं है, राज्य को मजबूत और ईमानदार सरकार मिलनी चाहिए। चुनाव में भाजपा-शिवसेना को स्पष्ट बहुमत देने के लिए उद्धव ने राज्य की जनता का आभार माना। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने जागरूकता के साथ लोकतंत्र को जिंदा रखा है। यह जनादेश दिया राजनीतिक दलों की आंख में अंजन डालने जैसा है। सत्तारूढ़ दल को अगले पांच वर्ष तक राज्य के विकास और जनहित के लिए जमीनीस्तर पर कार्य करना होगा।