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महाराष्ट्र में उद्धव सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें, सत्तार ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा

Update: 2020-01-04 05:54 GMT

मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में महज एक महीने बाद ही बड़ी टूट सामने आई है। उद्धव ठाकरे सरकार के कैबिनेट विस्तार के महज 5 दिन बाद ही शिवसेना कोटे से मंत्री बने अब्दुल सत्तार ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उद्धव ठाकरे कैबिनेट में राज्य मंत्री के तौर पर शामिल किए गए अब्दुल सत्तार की मांग थी कि उन्हें कैबिनेट में शामिल किया जाना चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों कैबिनेट विस्तार के बाद से ही वह नाराज चल रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मंत्री पद से ही इस्तीफा दे दिया। हालांकि विधायक के तौर पर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। अब्दुल सत्तार महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना में शामिल हुए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने सत्तार को 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने की वजह से निष्कासित कर दिया था। जालना और औरंगाबाद में कांग्रेस ने जिन लोगों को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया था, उससे सत्तार नाखुश थे और उन्होंने इसके बाद हर्षवर्धन जाधव नाम के निर्दलीय उम्मीदवार को औरंगाबाद से अपना समर्थन दिया था। इसके बाद तब सिल्लोड विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री अब्दुल सत्तार को कांग्रेस ने पार्टी से निकाल दिया था।

शिवसेना के सीनियर लीडर और प्रवक्ता संजय राउत की नाराजगी की खबरों के बीच पार्टी को यह बड़ा झटका लगा है। सूबे में कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनवाने में उनकी भूमिका अहम थी। सूत्रों के मुताबिक वह अपने भाई सुनील राउत को कैबिनेट में मंत्री के तौर पर देखना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कहा जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार के शपथ ग्रहण में भी संजय राउत इसी वजह से शामिल नहीं हुए थे। 

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