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बेटा कांग्रेस प्रत्याशी, पिता भाजपा सरकार में मंत्री, धर्मसंकट में अनिल शर्मा

Update: 2019-04-03 04:10 GMT

शिमला। पंडित सुखराम आश्रय के कांग्रेस टिकट लेकर मंडी पहुंचने के साथ ही जयराम सरकार में ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा का धर्म संकट और बढ़ गया है। चुनावी समर में अनिल शर्मा महाभारत के बलराम व रुक्मी की तरह नहीं रह सकते हैं। महाभारत में बेशक बलराम व रुक्मी ने युद्ध में किसी भी पक्ष का साथ नहीं दिया हो, मगर अनिल को भाजपा का प्रचार करना होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साफ किया है कि अनिल भाजपा के सदस्य हैं तथा उन्हें पार्टी के लिए प्रचार करना होगा। देखना यह है कि उन्हें प्रचार पर कहां भेजा जाता है।

शिमला के नजदीक एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पंडित सुखराम ने जो सपना देखा है तथा उसे पोते के लिए साकार करने के लिए किया है। उन्हें सोचना चाहिए था कि उनका बेटा मण्डी से उस पार्टी का विधायक है, जिसकी प्रदेश में सरकार है तथा सरकार में मंत्री है। सुखराम ने अपने बेटे तथा आश्रय ने अपने पिता को बहुत संकट में डाला है। इसलिए उनका समाधान भी परिवार में ही निकलना चाहिए। भाजपा अनिल शर्माकी सारी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े हैं तथा जीते हैं तथा सरकार में मंत्री हैं। ऐसे में शर्मा को प्रचार करने के लिए कहा गया है। अनिल शर्मा ने कहा है कि वह मण्डी में प्रचार नहीं करेंगे। सोचेंगे ऐसे में देखेंगे कि उन्हें कहां प्रचार के लिए भेजा जाए। प्रचार तो उन्हें पार्टी का करना पड़ेगा, क्योंकि वह भाजपा के सदस्य हैं। लेकिन उसके बावजूद बाकी हमने उनके विवेक पर छोड़ा है।

ठाकुर ने कहा कि लोकसभा चुनावों में मुद्दे मुख्यत: राष्ट्रीय होते हैं। लेकिन स्थानीय मुद्दे भी होते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार ने कार्य किया है। कांग्रेस के पास ठोस मुद्दे नहीं है। प्रदेश सरकार का एक साल का कार्यकाल बेहतरीन परफारमेंस रहीं है। भाजपा के चारों प्रत्याशी घोषित है। कांग्रेस के अभी दो प्रत्याशी घोषित हुए हैं। दो वह घोषित नहीं कर पाए हैं।

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