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थार के रेगिस्तान में 16 फरवरी को होगा वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास

Update: 2019-01-19 09:18 GMT

जैसलमेर। थार के रेगिस्तान में 16 फरवरी को भारतीय वायुसेना थलसेना के साथ मिलकर युद्धाभ्यास के जरिए अपनी ताकत का जीवंत प्रदर्शन कर इतिहास रचने जा रही है। इसके साक्षी न केवल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री होंगे, बल्कि विश्व के 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भी बनेंगे। यह युद्धाभ्यास पोकरण स्थित फील्ड फायरिंग रेंज में होगा। जहां 'रेत के समंदर' के बीच भारतीय वायुसेना दुनिया को अति आधुनिक रक्षा उपकरणों तथा सुरक्षा व्यवस्थाओं की नवीन कार्य प्रणाली से अपनी ताकत का अहसास कराएगी।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह युद्धाभ्यास अपने तरह का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होगा। जहां वायुसेना के पास उपलब्ध सभी फाइटर जेट्स, हैलीकॉप्टर, मिसाइल मालवाहक जहाज से शक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा। इस युद्धाभ्यास को देखने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के 40 देशों के प्रतिनिधियों के भी पहुंचने की संभावना है।

युद्धाभ्यास के चलते पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में बनाए गए दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए बीकानेर के नाल वायुसेना स्टेशन, बाड़मेर के उत्तरलाई, जोधपुर, फलोदी, समेत जैसलमेर एयरबेस से फाइटर जेट उड़ान भरेंगे। इस प्रकार के युद्ध अभ्यास से भारतीय सेना द्वारा अपनी ताकत का आंकलन कर दुश्मन को अपनी इस ताकत का अहसास कराना भी है कि हम किसी भी प्रकार की चुनौतियों से निपटने में पूर्णतया सक्षम है।

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