SwadeshSwadesh

कांग्रेस-भाजपा में एनआईटी सीट जीतने के लिए होगी कड़ी टक्कर

-2009 में निर्दलीय और 2014 में इनेलो ने जीती थी यह सीट

Update: 2019-09-26 11:28 GMT

फरीदाबाद। फरीदाबाद की सबसे पुरानी एनआईटी विधानसभा क्षेत्र से इस बार कांग्रेस और भाजपा अपना-अपना खाता खोलने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। यहां आखिरी बार 2004-05 के विधानसभा चुनावों में पूर्व मंत्री ए.सी. चौधरी कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। उसके बाद आज तक यहां से कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव हारता रहा है। भाजपा का भी यहां वर्षाें खाता नहीं खुला। पिछले विधानसभा चुनावों में भी मोदी लहर होने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी यशवीर डागर करीब 7 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे। ऐसे में इस बार चुनाव में इस सीट पर बेहद रोचक मुकाबला होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

उल्लेखनीय है कि एनआईटी विधानसभा क्षेत्र से 2004-05 में ए.सी. चौधरी विधायक चुने गए थे। परिसीमन के बाद ए.सी. चौधरी बडखल विधानसभा क्षेत्र पहुंच गए और यह एनआईटी विधानसभा क्षेत्र बन गया। 2009 में यहां से पूर्व मंत्री पं. शिवचरण लाल शर्मा ने बतौर निर्दलीय चुनाव जीता था और ए.सी. चौधरी हार गए थे। शर्मा ने तब प्रदेश की हुड्डा सरकार को समर्थन दिया था। फलस्वरुप हुड्डा सरकार ने उन्हें राजस्व मंत्री बनाया था।

वर्ष 2014 में शिवचरण लाल शर्मा को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी, किन्तु शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव न लड़कर बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और वह चुनाव हार गए। पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो के टिकट पर नागेंद्र भड़ाना विजयी रहे और दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी यशवीर डागर रहे। परंतु इस चुनाव में कांग्रेस की सबसे ज्याद फजीयत हुई, यहां से कांग्रेस प्रत्याशी गुलशन बग्गा तीन हजार वोट ही हासिल कर पाए।

मौजूदा विधायक का जबरदस्त विरोध:

मौजूदा विधायक नागेंद्र भड़ाना का इस क्षेत्र में जबरदस्त विरोध लोगों द्वारा किया जा रहा है। चुनाव जीतने के बाद नागेंद्र भड़ाना ने बिना शर्त प्रदेश की मनोहर सरकार को अपना समर्थन दे दिया और चुनावों से ऐन पहले ही इनेलो छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और यहां से टिकट की दावेदारी जताने लगे हैं। उधर क्षेत्र के मतदाता सीवरेज ओवरफ्लो, टूटी सड़कें और पीने के पानी की कमी के चलते विधायक नागेंद्र भड़ाना से बेहद खफा हैं और कई बार धरना-प्रदर्शन के दौरान अपना गुस्सा भी जाहिर कर चुके हैं।

कांग्रेस-भाजपा मजबूत प्रत्याशी तलाशने में जुटी:

एनआईटी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस मजबूत प्रत्याशी की तलाश में जुट गई है। राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व मंत्री चौ. महेंद्र प्रताप बडखल सीट छोड़कर यहां से चुनाव लड़ सकते हैं। गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र होने के नाते इसका लाभ महेंद्र प्रताप को मिल सकता है, लेकिन भाजपा की बात की जाए तो यहां से पूर्व प्रत्याशी यशवीर डागर, प्रदेश उपाध्यक्ष नीरा तोमर का नाम प्रमुखता से चल रहा है। यशवीर डागर चुनाव हारने के बावजूद पांच साल तक इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाजपा का संगठन मजबूत किए रखा और संघ में भी उनकी गहरी पैठ बताई जाती है।

लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली बढ़त:

लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां कुल एक लाख 56 हजार 266 मतदाताओं ने वोटिंग की, जिसमें भाजपा के पक्ष में एक लाख 11 हजार 557 वोट पड़े। जबकि कांग्रेस को 33 हजार 491 मत मिले। इस लिहाज से भाजपा इस सीट को हर हाल में जीतने के लिए जुट गई है। अब देखना है कि भाजपा यहां से पूर्व प्रत्याशी पर ही अपना विश्वास जताती है या फिर नए चेहरे को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारती है।

Tags:    

Similar News