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उत्तराखण्ड : चमोली और टिहरी में फटा बादल, मां-बेटा जिंदा दफन, दो लोग लापता

-एक दर्जन से अधिक मकान क्षतिग्रस्त -गौशालाएं ध्वस्त, कई पशु मलबे में दबे -पीड़ित ग्रामीणों को प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल में रखा गया

Update: 2019-08-09 08:49 GMT

देहरादून/चमोली/टिहरी। उत्तराखण्ड में गुरुवार रात से हो बारिश गढ़वाल में कहर बन कर बरस रही है। चमोली और टिहरी जिले में बादल फटने की घटना से जनहानि हुई है। टिहरी जिले में मां-बेटे की मलबे में दबने से मौत हो गई, जबकि चमोली में मां-बेटी लापता बताई जा रही हैं। इस घटना में कई पुलिया भी बह गई। वहीं प्रशासन इसे अतिवृष्टि की घटना बता रहा है। घटना में कई घरों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं। सूचना के बाद मौके पर पुलिस और प्रशासन की टीमें पहुंच गई हैं। आपदा प्रबन्धन और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई है किन बारिश होने के चलते राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। पीड़ित परिवारों के रहने की व्यवस्था गांव के प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल में कराई जा रही है।

वहीं, मौसम विभाग की मानें तो अगले चार दिनों में प्रदेश में बारिश का कहर जारी रहेगा। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले चार दिनों तक मौसम इसी तरह का बना रहेगा। कुछ स्थानों पर छिटपुट बारिश हो सकती है।

टिहरी में मां-बेटा जिंदा दफन

टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक में बीती रात लगभग ढाई बजे भारी बारिश हुई। इससे पट्टी नैलचामी में थार्ती गांव में एक मकान के पीछे मलबा आने से घर क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, मलबे में दबने से मां-बेटे की मौत हो गई। मृतकों की पहचान मकानी देवी(34) और सुरजीत(05) के रूप में हुई। वहीं, मकानी देवी की बेटियां सपना व ईशा, ससुर शंकर सिंह और सास बच्चन देई भी मलबे में दबने से घायल हैं। मकानी देवी की बेटी सपना को ज्यादा घायल होने पर जिला अस्पताल में जबकि सास और सासुर को पिलखी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो कमरों का मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। ग्रामीणों ने ही रात को अपने प्रयासों से घायलों को मलबे से निकाला। गांव जाने वाली सड़क भी बंद है, जिससे घायलों को ग्रामीण पैदल ही लेकर अस्पताल पहुंचे।

पट्टी नैलचामी के ठेला गांव के ऊपर भी बादल फटने से ग्रामीणों की कृषि भूमि तबाह हो गई। साथ ही जखनियाली गांव के श्रीयाल गांव तोक में जाने वाला पैदल पुल भी ध्वस्त हो गया, जिससे ग्रामीणों का संपर्क पूरी तरह से कट गया। वहीं बीती रात से बिजली और मोबाइल सेवा भी ध्वस्त है।

चमोली में मां-बेटी लापता

चमोली जिले के चौकी देवाल ब्‍लॉक के अंतर्गत ग्राम उलनग्रा, तलोर, पदमल्ला, बामन बेरा, फलदिया गांव में देर रात गांव के पीछे जंगल में बादल फटने से उक्त गांव में भारी मलबा आ गया। इससे फल्दिया गांव के बीचों बीच बहने वाला गदेरा (बरसाती नाला) उफान में आने से गांव के पुष्पा देवी (29) पत्नी रमेश राम और ज्योति (05) पुत्री रमेश राम लापता हैं। वहीं, गांव के 12 मकानों को क्षति पहंची है। साथ ही छह गाय और एक भैंस के मलबे में दबने की सूचना है। पुलिस-प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई हैं। लोगों को आवश्यक सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। गांव के 12 परिवारों को गांव के प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल में रहने की व्यवस्था करवाई गई है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि गुरुवार रात्रि को देवाल व थराली विकास खंड के फल्दिया गांव, उलंग्रा, तलोर, पदमल्ला, बामन वेरा गांव के पीछे बादल फटने से गांव के दो पैदल पुलिया, छह से अधिक गौशाला, 12 मकान ध्वस्त होने के साथ ही कुछ पशु के लापता होने की सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि एक महिला व बच्चा भी लापता है। जिन ग्रामीणों के भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके रहने की व्यवस्था गांव के प्राथमिक विद्यालय व जूनियर हाईस्कूल में की गई है।

गंगोत्री हाई-वे चुंगी बंद

रुद्रप्रयाग में अगस्‍त्‍यमुनि में भारी बारिश के लोगों के घरों में पानी और मलबा घुस गया। दूसरी ओर, गंगोत्री हाईवे चुंगी बड़ेथी के पास बंद है। वैकल्पिक मार्ग से यातायात सुचारू है। यमुनोत्री हाईवे डाबरकोट व ओरछा बैंड के पास भूस्खलन होने से बंद है, जबकि उत्तरकाशी लंबगांव घनसाली मार्ग धौंतरी कोडार के बीच भूस्खलन होने से बंद है। इधर बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ में पहाड़ी से भारी बोल्डर आने के कारण बाधित चल रहा है। हाईवे के दोनों ओर यात्रा वाहनों की कतार लगी हुई है। वहीं 36 से अधिक लिंक मोटर मार्ग के बाधित होने की भी सूचना मिली है। 

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