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भारती घोष ने लौटाये ममता सरकार से मिले सभी पदक और सम्मान

Update: 2019-07-31 11:28 GMT

कोलकाता। पश्चिम मेदिनीपुर की पूर्व एसपी आईपीएस भारती घोष ने ममता बनर्जी की सरकार से मिले तमाम पदक और सम्मान को लौटा दिया है। बुधवार को झाड़ग्राम स्थित अपने आवास पर उन्होंने इस बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि साल 2012 के बाद से लेकर 2017 तक उन्होंने माओवाद प्रभावित झाड़ग्राम क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक के तौर पर काम किया। उनके ठोस कानूनी कदम और अचूक रणनीति की वजह से पूरा झाड़ग्राम क्षेत्र माओवाद से मुक्त हुआ। उन्हीं के शासनकाल में माओवादी नेता किशनजी की पुलिस मुठभेड़ में मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि मेरे अच्छे कार्यों को आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भुलाकर कहती हैं कि उनके (ममता) शासनकाल में जंगलमहल शांत हो गया लेकिन बाद में वहीं ममता मुझसे गैरकानूनी तरीके से काम कराना चाहती थीं। जब मैंने इसका विरोध किया तो मेरे खिलाफ झूठे मामले बनाए गए और जांच शुरू कर फंसाने की कोशिश की गई। इसीलिए मैने विरोध स्वरूप ममता बनर्जी के हाथों मिले सर्वश्रेष्ठ सेवा पुलिस पदक लौटा दिया है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मिले अन्य सम्मान भी वापस कर दिया है।

उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से उन्होंने पदक लौटाने की शुरुआत की है उसी तरह से अन्य आईपीएस व सिविल अधिकारी भी लौटाएंगे। उन्होंने ने कहा कि पश्चिम बंगाल में काम करने वाले अधिकारियों को यह समझ जाना होगा कि ममता बनर्जी की सरकार उनका सम्मान करने वाली नहीं है। उनके कार्यों को राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल करेगी और गैरकानूनी तरीके से काम करने का दबाव बनाया जाएगा। जो अधिकारी नहीं मानेंगे उन्हें फंसाया जाएगा। ऐसे में इस सरकार का विरोध करना जरूरी है।

उल्लेखनीय है कि भारती घोष ने 2019 में भाजपा के टिकट पर जिले के घाटाल लोकसभा केंद्र से चुनाव लड़ा था जहां तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और बांग्ला फिल्मों के अभिनेता देव के हाथों पराजित हुई हैं। 25 दिसंबर 2017 को उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था उसके बाद जनवरी महीने में ममता बनर्जी की सरकार ने भारती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति, भ्रष्टाचार समेत अन्य मामलों में केस दर्ज किया है। मामले की जांच सीआईडी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में भारती की गिरफ्तारी पर रोक लगा कर रखी है। जब भारती पश्चिम मेदिनीपुर की एसपी थीं तब ममता बनर्जी को जंगलमहल की मां कहा करती थीं और ममता बनर्जी भी उन्हें अपनी बेटी की तरह मानती थीं लेकिन बाद में दोनों के संबंधों में कटुता आ गई और लोकसभा चुनाव से पहले भारती घोष ने भाजपा में शामिल हो गईं । (हि.स.)

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