ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान में सवार 13 लोगों के शवों को बरामद करने वाले 12 बचावकर्मियों की टीम अभी तक वापस नहीं लौट पाए हैं। टीम मौसम में सुधार होने का इंतजार कर रही है, ताकि उन्हें हेलिकॉप्टर से लाया जा सके। दरअसल, 12 सदस्यीय बचाव दल की टीम अरुणाचल के इस बेहद दर्गम इलाके में पैदल चलकर घटनास्थल पर पहुंचा। जहां पर एएन-32 विमान हादसे का शिकार होकर गिरा, उस इलाके में मौसम भी बिगड़ता रहता है।
अब इस बचाव दल को एयरलिफ्ट करने के लिए मौसम सुधरने का इंतजार किया जा रहा है। दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर के लिए गए बचावकर्मी 12 जून से ही दुर्घटनास्थल पर हैं। उन्हें तलाशी अभियान के लिए एयरड्रॉप किया गया था।
पश्चिमी सिआंग जिला सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी गिजुम ताली ने बताया कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के नौ कर्मियों, नागरिक पर्वतारोही ताक तमुत और उसके दो सहयोगियों को शी योमी जिला प्रशासन द्वारा तैनात किया गया है, ताकि हेलिकॉप्टर सेवा बाधित रहने की स्थिति में वे 'फुट ट्रैक' के दौरान मार्गदर्शन कर सकें। विमान के ब्लैक बॉक्स और 13 शवों को बरामद करने की कड़ी कवायद के बाद भी टीम 17 दिनों से 12,000 फुट की ऊंचाई पर फंसी हुई है।
बता दे, पिछले तीन जून को असम के जोरहाट से उड़ान भरने के 33 मिनट पर रूसी एएन-32 विमान लापता हो गया था। उसने अरूणाचल प्रदेश के शी योमी जिले के मेचुका के लिए उड़ान भरी थी। ताली ने कहा, '12 बहादुर लोगों को लाने के लिए अभी मौसम की स्थिति अनुकूल नहीं है।'