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विमान अपहरण मामला : बिरजू सल्ला को आजीवन कारावास, पांच करोड़ का जुर्माना

Update: 2019-06-11 13:33 GMT

अहमदाबाद। प्लेन हाईजैकिंग मामले में अहमदाबाद स्थित एनआईए अदालत ने मंगलवार को बिरजू सल्ला को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ उस पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने विमान के दोनों सहचालकों को 1-1 लाख मुआवजा, एयर होस्टेस को 50 हजार और सभी यात्रियों को 25-25 हजार रुपये देने का आदेश दिया है।

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 2017 में मुंबई के व्यवसायी बिरजू सल्ला के खिलाफ मुंबई से दिल्ली जाने वाली जेट एयरवेज की फ्लाइट से प्राप्त एक पत्र के आधार पर 'एंटी-हाईजैकिंग एक्ट' के तहत मामला दर्ज किया था। जुलाई 2016 में लागू इस कानून के तहत अहमदाबाद में दर्ज होने वाला यह देश का पहला मामला था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), अहमदाबाद स्थित विशेष अदालत ने प्लेन हाईजैकिंग के नए कानून के तहत देश की पहली सजा बिरजू सल्ला को सुनाई है।

एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश एमके दवे ने बिरजू सल्ला को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि अगर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सल्ला को उच्च न्यायालय में राहत नहीं मिलती है तो उसे पूरा जीवन जेल में बिताना पड़ेगा।

22 जनवरी, 2018 को एनआईए ने 'एंटी-हाईजैकिंग एक्ट' के तहत सल्ला के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। सल्ला ने मुंबई से दिल्ली जाने वाले जेट एयरवेज के विमान को हाईजैक करने की धमकी दी थी और इस वजह से विमान को अहमदाबाद में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। सल्ला ने धमकी भरे पत्र को विमान के वॉशरूम में छिपा दिया था, जिसे कर्मचारियों ने बरामद किया था। पत्र में कहा गया था कि विमान के कार्गो क्षेत्र में बम है और अपहरणकर्ता भी विमान में सवार हैं।

जांच में पता चला कि सल्ला ने अंग्रेजी और उर्दू में एक पत्र लिखकर टॉयलेट के पेपर बॉक्स में छिपा दिया था। सल्ला द्वारा लिखे गए पत्र को बरामद करने के बाद विमान में सवार यात्रियों में दहशत फैल गई थी। एनआईए ने चार्जशीट में दावा किया कि सल्ला का इरादा एयरलाइन को धोखा देकर उसे बदनाम करना था और ऐसा करके वह इस एयरलाइन में काम करने वाले दोस्त को सबक सिखाना चाहता था। आरोप पत्र में यह भी कहा गया कि 2016 में प्लेन हाईजैकिंग कानून को कड़ा किया गया है। विमान अपहरण का खतरा भी एक गंभीर अपराध है, जिसमें आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

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