बांग्ला साहित्यकार रमापद चौधरी का हुआ निधन

Update: 2018-07-30 07:35 GMT

कोलकाता। बांग्ला साहित्यकार रमापद चौधरी का रविवार रात निधन हो गया। वे 96 वर्ष के थे। उन्होंने रविवार को एक गैर सरकारी अस्पताल में अंतिम सांस ली। चौधरी काफी दिनों से हृदय रोग से पीड़ित थे।

रामपद चौधरी का जन्म 1922 में खड़गपुर में हुआ था। खड़गपुर रेल कॉलोनी में ही उनका बचपन बीता। उन्होंने प्रेसिडेंसी विवि से पढ़ाई की और कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया। उपन्यास और लघु कहानियों से उन्होंने लेखन शुरू किया। उन्होंने 100 से अधिक लघु कहानियां लिखीं और 50 के करीब उपन्यास।

1954 में उनका पहला उपन्यास प्रथम प्रहर प्रकाशित हुआ। भारतवर्ष नामक लघु कहानी ने उन्हें ख्याति दिलाई। 1963 में उन्हें आनन्द पुरस्कार, 1971 में रवीन्द्र पुरस्कार और 1988 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। 

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