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निर्भया के दोषियों ने तोड़े तिहाड़ जेल के नियम, जानें

Update: 2020-01-15 06:42 GMT

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों के फांसी की सजा से पहले तिहाड़ जेल प्रशासन के सूत्रों ने बड़ा खुलासा किया है। निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों अक्षय, पवन, विनय और मुकेश ने तिहाड़ में 23 बार जेल के कानूनों का उल्लंघन किया है। जेल में इन सभी को नियमों का उल्लंघन करने पर दंडित भी किया जा चुका है। इनमें से तीन गुनहगारों ने जेल में मेहनताने के रूप में 1 लाख 37 हजार रुपये कमाए हैं। यह जानकारी जेल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को दी है। बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों को दिल्ली की एक अदालत के फैसले के मुताबिक, 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी है।

तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक, जेल के नियमों को तोड़ने पर अक्षय को एक, मुकेश को तीन, पवन को आठ और विनय को 11 बार सजा दी जा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ जेल में रहने के दौरान दोषी अक्षय ने करीब 69 हजार रुपये बतौर मेहनताना कमाए। वहीं पवन ने 29 हजार और विनय ने करीब 39 हजार रुपये कमाए। मगर मुकेश ने जेल में काम नहीं किया।

विनय के पिता ने मंगलवार को विनय से तिहाड़ जेल में मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो विनय जेल में घबराहट महसूस कर रहा है। बता दें कि विनय को इन चारों दोषियों में सबसे ज्यादा सजा मिली है। दोषियों के परिवार को फांसी की सजा से पहले दो बार मिलने की अनुमति दी गई है।

एक और दोषी अक्षय के परिवार ने पिछले नवंबर में उससे मुलाकात की थी और वह आमतौर पर उनसे फोन पर बात करता है। फांसी की तारीख की घोषणा के बाद से कोई भी उनसे मिलने नहीं आया है।

वहीं, सूत्रों ने कहा कि इन गुनहगारों को फांसी देना वाला पवन जल्लाद फांसी की सजा से दो दिन पहले तिहाड़ जेल आएगा और सभी को एक साथ ही फांसी पर लटकाएगा और उसी जेल में रहेगा। वह पवन जल्लाद को एक फांसी के 15 हजार रुपये मिलेंगे। फांसी के बाद दोषियों के शव को उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा।

सूत्रों ने यह भी कहा कि साल 2016 में मुकेश, पवन और अक्षय ने दसवीं में एडमिशन लिया था। उन्होंने परीक्षा दी मगर पास नहीं हो पाए। गौरतलब है कि साल 2012 में 16 दिसंबर को दिल्ली में 23 साल की निर्भया का चलती बस में गैंगरेप हुआ था। इसके बाद उसकी मौत भी हो गई थी।

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले के चार दोषियों में एक मुकेश कुमार ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के समक्ष दया याचिका दायर की। इसके कुछ ही देर पहले उच्चतम न्यायालय ने दो दोषियों की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज करते हुये उनकी मौत की सजा के अमल पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। वर्ष 2012 के इस सनसनीखेज अपराध के चारों दोषियों--विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की मौत की सजा पर अमल के लिये उन्हें 22 जनवरी की सुबह सात बजे-मृत्यु होने तक-फांसी पर लटकाने को लेकर अदालत ने सात जनवरी को आवश्यक वारंट जारी किये थे। 

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