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देवेन्द्र राजपूत के लिये वरदान साबित हुई आयुष्मान भारत निरामयम योजना

Update: 2020-08-13 16:49 GMT

मुरैना। नया आमपुरा निवासी देवेन्द्र पिता बाल किशन राजपूत की तबियत अचानक खराब हो गई थी तब वह ग्वालियर के डाॅक्टर मनीष गुप्ता को दिखाया तो उन्होंने मेरी जांच कराई। जांच में मेरी किडनी में खराबी बताई। मेरी किडनी काम नहीं कर रही थी। मुझे डाॅक्टर ने डायलेसिस कराने को कहा। डायलेसिस कराना मेरे बस की बात नहीं थीं। डायलेसिस में पैसा बहुत लगता है। कोरोना लाॅकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद रहने से मैं भी घर बैठा हूं। मेरे पास जो भी जमा पूंजी थी उसमें मैंने महेश्वरी अस[ताल में 21 नवंबर 2019 में लगातार 10 दिन डायलेसिस कराई। इस पर 12 हजार रूपये खर्च हुये। पैसे न होने के कारण मैं आगे की डायलेसिस कराने में असमर्थ हो गया। क्योंकि जहाँ वह काम करता उस जगह उसे 8 हजार रूपये का वेतन मिलता था। जिसके कारण वह परेशान रहने लगा।

हम आपको बता दें कि वह कुछ समय बाद जिला अस्पताल गया वहां उसे आयुष्मान भारत निरामयम योजना का कार्ड बनवाने की सलाह दी। उसके बाद आयुष्मान मित्र से संपर्क किया। उन्होंने मेरे से दस्तावेज लेकर मुझे आयुष्मान भारत निरामयम का कार्ड बनाकर दे दिया। अब मैं इसी कार्ड से जिला चिकित्सालय में निःशुल्क डायलेसिस करा रहा हूं। 

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