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रातों-रात करोड़पति हुआ मजदूर, मिला पन्ना के इतिहास का दूसरा बड़ा हीरा

Update: 2018-10-10 08:06 GMT

पन्ना/स्वदेश वेब डेस्क। निर्माणाधीन मकान ईंटे ढोकर और गड्ढे खोदकर मजदूरी करने वाले एक शख्स की किस्मत चमक गई। कर्ज लेकर हीरा खदान चलाने वाले मजदूर मोतीलाल प्रजापति को खुदाई के दौरान मंगलवार को 42.59 कैरेट का हीरा मिला। इसकी कीमत 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की बताई जा रही है। नियमानुसार मजदूर ने ये हीरा सरकारी खजाने में जमा करा दिया है। अब नीलामी के बाद 13.5 प्रतिशत रॉयल्टी काटकर बाकी की पूरी रकम मजदूर को मिलेगी।

मजदूर मोतीलाल ने बताया कि वह पन्ना शहर से करीब 8 किमी दूर पटी गांव में हीरा खदान चलाता है। वह डेढ़ महीने से ये खदान चला रहा है। मंगलवार को खुदाई के दौरान उसे एक हीरा मिला। जब इसकी जेम गुणवत्ता निकाली गई तो मजदूर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ये 42.59 कैरेट का निकला। मजदूर ने नियमानुसार इसे सरकारी खजाने में जमा कराया। ये पन्ना जिले के इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा हीरा है। इसकी कीमत 2 करोड़ से ज्यादा की बताई जा रही है। मोतीलाल अपने परिजनों के साथ कलेक्टर ऑफिस पहुंचा और इस हीरे को सरकारी खजाने में जमा कराया। मोतीलाल ने इस हीरे को पहले हीरा पारखी को दिखाया जिसके मुताबिक ये उज्जवल किस्म का हीरा है और ऐसे हीरे बहुत कम मिलते हैं। इसकी शासकीय कीमत गुप्त रखी जाती है पर ये 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का बताया जा रहा है।

1961 में रसूल मोहम्मद को मिला था पहला हीरा

इससे पहले पन्ना में 1961 में रसूल मोहम्मद नामक व्यक्ति को 44.55 कैरेट का हीरा मिला था। इसके बाद अब मोतीलाल प्रजापति को इतना बड़ा हीरा मिला है। पन्ना में हीरा उद्योग बंद होने के कगार पर है। अधिकांश हीरा खदानें बंद हो गई हैं, ऐसे में इस मजदूर को हीरा मिलने से पन्ना का हीरा उद्योग फिर चर्चा में आ गया है। मोतीलाल ने कहा कि वे इससे मिलने वाली राशि से अपने माता-पिता की सेवा करना चाहता है और बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता है। मोतीलाल ने बताया कि उसके पिता हमेशा उससे कहते थे कि मजदूरी से जीवन नहीं बदल सकते और उनकी सलाह पर ही उसने हीरा की खदान लगाई थी।

नीलामी के बाद मिलेंगे रुपए

खनिज विभाग के हीरा पारखी ने इस हीरे का वजन 42 कैरट 59 सेंट है। इसकी अनुमानित कीमत 2 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है। मोतीलाल को हीरे की नीलामी के बाद रकम मिलेगी। नीलामी से प्राप्त रकम में से 13.5 प्रतिशत रॉयल्टी कटेगी और शेष राशि मोतीलाल को मिलेगी।

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