भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को सात नए न्यायाधीश मिल गए हैं। प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने सोमवार को हाई कोर्ट के साउथ ब्लॉक में हुए शपथ ग्रहण समारोह में नवनियुक्त न्यायाधीशों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नए जजों में अनुराधा शुक्ला, हिरदेश, प्रेम नारायण सिंह, अचल कुमार पालीवाल, अवनींद्र कुमार सिंह, संजीव कलगांवकर और रूपेश चंद्र वार्ष्णेय हैं।
सोमवार को हाई कोर्ट के साउथ ब्लाक सभागार में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सर्वप्रथम रजिस्ट्रार जनरल रामकुमार चौबे ने राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति के आदेश का वाचन किया। इससे बाद मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने उन्हें शपथ ग्रहण कराई। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश मलिमठ ने नए न्यायाधीशों को शुभकामनाएं देते हुए सम्बोधन में सभी के बारे में मूलभूत उल्लेख किया। इसके बाद स्टेट बार चेयरमैन, हाई कोर्ट बार और हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार अध्यक्ष ने व्यक्तित्व-कृतित्व रेखांकित किया। सीनियर एडवोकेट बार, असिस्टेंट सालिसिटर जनरल ने सातों नवनियुक्त न्यायाधीशों को बधाई दी।
सातों नए न्यायाधीशों ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में अपने वक्तव्य में प्रगति के आधार बताए। साथ ही संकल्प लिया कि हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नए प्रतिमान दर्ज करेंगे। इसके बाद सभी नये न्यायाधीशों ने अपना पदभार भी संभाल लिया है। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में जजों के स्वीकृत पदों की संख्या 53 है, जिसमें से वर्तमान में चीफ जस्टिस को मिलाकर 30 जज कार्यरत हैं। सात नये जजों के शपथ ग्रहण करने के बाद मप्र हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 37 हो गई है। हालांकि, मप्र हाई कोर्ट में अब भी जजों के स्वीकृत पदों में से 16 पद रिक्त हैं।हाई कोर्ट में न्यायाधीश बने रूपेश चंद्र वार्ष्णेय 28 सितंबर, 1987 से, अनुराधा शुक्ला 17 सितंबर, 1990 से, हिरदेश पांच जुलाई, 1990 से, प्रेम नारायण सिंह 16 जुलाई, 1990 से, अचल कुमार पालीवाल जुलाई, 1990 से, संजीव कलगांवकर 24 मई, 1994 से व अवनींद्र कुमार सिंह मई, 1990 से न्यायिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत थे।