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बदनामी के डर से नवजात बच्ची को कचरे में फेंका, महिला और प्रेमी को दस-दस वर्ष का कारावास

Update: 2019-10-19 09:58 GMT

रतलाम। अवैध संबंध के बाद बदनामी के डर से प्रसूता, सहयोगी अभियुक्त महिला और प्रेमी को नवजात बच्ची को कचरे के ढेर में फेंकने के बाद मृत्यु पर दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय के इस निर्णय की हर तरफ सराहना की जा रही है। लोगों में चर्चा रही कि मानवता को शर्मसार करने वाली इस तरह की घटनाओं पर ऐसे निर्णय से रोक लगाने में मदद मिल सकेगी।

यह था मामला

मामला इस प्रकार है कि 16 जनवरी 2017 को मोतीनगर निवासी बल्लू पिता धन्नाा नायक (19) ने पुलिस को सूचना दी थी कि नाले के पास नवजात बच्ची का शव कचरे के ढेर में पड़ा हुआ है। बच्ची का शव कचरे के ढेर में मिलने से सनसनी फैल गई थी।

पूछताछ में वारदात का पता चला 

बेबी और सोनू के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर पूछताछ में उन्होंने नवजात बच्ची को मोना उर्फ अफसाना के द्वारा कपड़े में लपेट कर नाले के पास कचरे के ढेर में फेंकना बताया था।

जांच के दौरान अवैध संबंध उजागर हुए

जांच के दौरान पता चला कि अभियुक्त बेबी उर्फ मीनल पिता रामेश्वर (22) और सोनू उर्फ चेतन जटिया पिता दुलीचंद्र (23) के बीच अवैध संबंध थे। इस दौरान बेबी उर्फ मीनल गर्भवती हो गई थी और बालिका को जन्म दिया था।

बच्ची को फेंकने वाली महिला ने भी जुर्म कबूला था

पूछताछ में मोना द्वारा जुर्म कबूलने पर उसे भी आरोपित बनाया गया। अपर लोक अभियोजक कृष्णकांत चौहान के अनुसार न्यायाधीश विवेक कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को तीनों अभियुक्तों को दोषी पाते हुए दंडि़त किया है। 

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