महाशिवरात्रि का महापर्व आज, राशि के अनुसार करें भगवान शिव का पूजन
आकर्षक लाइटिंग और फूल बंगलों से सजे मंदिर, स्टॉलों से होगा प्रसाद वितरण
ग्वालियर, न.सं.। महाशविरात्रि का महापर्व शुक्रवार-शनिवार की रात्रि 12 बजे से मनना शुरू हो गया है। भक्तों ने रात्रि के समय ही मंदिरों में पहुंचना शुरू कर दिया और भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर दूध-दही और शहद से अभिषेक किया। मंदिर प्रबंधन द्वारा मंदिर को आकर्षक लाइटिंग और फूलों से सजाया गया है। वहीं प्रसाद वितरण के लिए मंदिरों के बाहर कई काउंटरों की व्यवस्था भी की गई है।
महाशिवरात्रि पर्व के लिए नगर के प्रमुख अचलेश्वर महादेव मंदिर, गुप्तेश्वर, कोटेश्वर, मार्कंडेश्वर, भूतेश्वर, हजारेश्वर सहित शहर के अन्य शिव भगवान भोलेनाथ के विवाह के लिए दुल्हन की तरह सजे हुए हैं। इन मंदिरों पर 56 भोग के साथ फूल बंगले भी सजाए जा रहे हैं। मंदिर के बाहर लगे स्टॉलों पर क्विंटलों आलू, संतरा, अंगूर और केले रखे हुए हैं जिनका वितरण शनिवार की सुबह से किया जाएगा। श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर पर भक्तों का प्रवेश ललितपुर कॉलोनी और नंदी द्वार से किया जाएगा। जो भक्त मंदिर में नहीं जा सकते हैं उनके लिए मंदिर के बाहर जलपात्र की व्यवस्था की गई है। मंदिर के बाहर एलईडी भी लगाई जाएंगी जिससे लोग भगवान के दर्शन कर सकेंगे। इंदरगंज चौराहे से थीम रोड़ तक जाने के लिए मार्ग बंद रहेगा। कोटेश्वर मंदिर पर दर्शनों के लिए महिला और पुरुषों की अलग कतारें लगाकर अलग-अलग द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। मंदिर के गर्भगृह में एक बार में पुरुष तो एक बार में महिलाओं को प्रवेश दिया जाएगा। वहीं गुप्तेश्वर महादेव मंदिर से सुबह 11 बजे भगवान की बारात निकाली जाएगी जो विभिन्न मार्गों से होती हुई दोपहर के समय श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेगी।
दोपहर से ही सज गईं फूलों की दुकानें:-
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर पर छोटे-छोटे फूलों की दुकानें शुक्रवार की दोपहर से ही सज गई हंै। इसी के साथ खिलौने की दुकानें और बच्चों के झूले भी लगा दिए गए हैं। प्रसाद वितरण के लिए 40 स्टॉल लगाए गए हैं।
क्या करें, महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष:-
- - ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसर महाशिवरात्रि के दिन गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करने से दरिद्रता का नाश होता है और धन्य धान की प्राप्ति होती है।
- - यदि जीवन में शत्रुओं का प्रभाव बढ़ गया हो, अथवा शत्रु परेशान करते हों तो गोमती चक्र पर शत्रु का नाम लिखकर शिव जी के चरणों में अर्पित कर दें। इससे शत्रुओं मनोदशा आपके प्रति बदल जाएगी।
महा शिवरात्रि पर तीनो पहर की पूजा आज और कल होगी:-
ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि व्रत त्योहार मनाया जाता है। यह दिन शिव शक्ति मिलन रूप में मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी शनिवार को रात्रि 08:02 बजे से प्रारम्भ होकर 19 फरवरी को शाम 04:18 बजे तक रहेगी। इस दिन व्रतार्थीयों को शिव पूजन को चार पहर में करना चाहिए। प्रथम पहर का पूजन 18 फरवरी शनिवार को शाम 06:13 से 09:24 बजे तक। द्वितीय पहर का पूजन रात्रि 09:24 से 12:35 बजे तक। तृतीय पहर का पूजन रात्रि 12:35 बजे से 03:46 बजे तक। चतुर्थ पहर का पूजन रात्रि 03:46 से सुबह 06:56 बजे तक रहेगा।
राशि के अनुसार करें पूजा:-
- - मेष देशी गाय के कच्चे दूध में शहद मिलाकर करें अभिषेक।
- - वृषभ सफेद फूल चढ़ाएं।
- - मिथुनगन्ने के रस से करें अभिषेक, धतूरा व भांग अर्पित करें।
- - कर्क सफेद मिष्ठान्न, दूध, शक्करऔर मिश्रित जल से करें अभिषेक।
- - सिंह लाल पुष्प चढ़ाएं।
- - कन्या गन्ने के रस से अभिषेक करें।
- - तुला सफेद वस्त्र चढ़ाएं।
- - वृश्चिक तीर्थ का जल मिलाकर करें अभिषेक।
- - धनु दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करें पीला वस्त्र अर्पित करें।
- - मकर भगवान को धतूरा और भांग चढ़ाएं।
- - कुंभ दूर्वा-नीले पुष्प और घी से करें अभिषेक
- - मीन पीले पुष्प, पीला मिष्ठान, केसर मिश्रित दूध से करें अभिषेक