हर तरफ गड्ढे ही गड्ढे, सड़कों के कारण टूटा शरीर का शॉकर

शहर की सड़कों पर संभलकर चलाएं वाहन, टूट सकती है कमर की हड्डी

Update: 2020-09-23 01:00 GMT

ग्वालियर,न.सं.। हाथ, पैर की हड्डी टूट जाए तो कोई बात नहीं! तीन महीने में फिर से स्वस्थ हो जाएंगे लेकिन शरीर में बिना दुर्घटना के रोज हो रही न दिखने वाली टूट-फूट उम्रभर रेंगने पर मजबूर कर रही है। खासतौर पर शहर में मोटरसाइकिल से चलने वालों का जो हाल है, वह बेहद डराने वाला है। हड्डी रोग विशेषज्ञों की क्लीनिक, अस्पतालों में पिछले दो महीने में दो सौ से अधिक मरीज पहुंचे, जिनके घुटने, टखने, मांसपेशियों में फैक्चर या फिर स्लिप डिस्क की शिकायत रही। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जो मोटरसाइकिल से रोज शहर में 25 से 30 किलोमीटर चलते हैं। केवल मोटरसाइकिल सवारों के साथ ही ऐसा नहीं है। शहर की ऊबड़-खाबड़, गड्ढे-गिट्टी वाली सड़कों पर चलने वाले ज्यादातर लोगों के शरीर का 'शॉकर जवाब दे गया है।

पड़ाव पुल पर गड्ढा दे रहा झटके

शहर के सबसे अधिक व्यस्ततम पुल पड़ाव ओवर ब्रिज पर एक बड़ा गड्ढा हो गया है। जिसमें मोटरसाइकिल और स्कूटर सवार गिरकर घायल हो रहे हैं। फिर भी निगम अधिकारियों का ध्यान इस गड्ढे की मरम्मत कराने की ओर नहीं है। इसी तरह पड़ाव के ही नए ओवर ब्रिज पर एसकेवी की ओर आने वाले मार्ग पर एप्रोच रोड बुरी तरह खुदी पड़ी है। साथ ही वहां गिट्टी और मुरम भी फैली पड़ी है। जिससे ब्रेक लगाते ही दोपहिया वाहन फिसलकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

गड्ढों में भरा रहता है पानी

सड़कों की हालत खराब होने के कारण जो जगह जगह गड्ढे हो गए हैं उन गड्ढों में बार-बार बारिश का पानी भर रहा है। जिससे वाहन चालकों को यह समझ नहीं आता कि कहां गड्ढा है। कहां नहीं वह वाहन चलाते हुए जब किसी गड्ढे में पहुंच जाते हैं तब समझ आता है कि सड़कों पर गड्ढों की भरमार हो गई है, जो खतरे से खाली नहीं हैं। इनमें बार-बार वाहन पटकाने से अब ये गड्ढे बड़े होते जा रहे हैं।

इनका कहना है

जर्जर सड़कें सिर्फ हादसों को दावत नहीं दे रहीं बल्कि युवाओं को जीवनभर के लिए रोगी भी बना रही हैं। अचानक सामने गड्ढा आने पर लगने वाले झटके से वाहन सवार लोगों को कई बार फ्रैक्चर तक हो जाता है। यह समस्या 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादा हो रही है। उन्हें कमर व गर्दन में दर्द बढऩे, उठने व बैठने में तीव्र पीड़ा होने पर इसका अहसास होता है।

-डॉ. सुरेन्द्र यादव , सहायक प्राध्यापक, ऑर्थोपैडिक विभाग, जीआरएमसी

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