महाशिवरात्रि पर बन रहा है ग्रहों का दुर्लभ संयोग, शिव की उपासना के लिए सबसे खास दिन
ग्वालियर, न.सं.। महाशिवरात्रि का महापर्व 18 फरवरी को मनाया जाने वाला है। इस पर्व को लेकर मंदिरों में तैयारी भी शुरू हो गई है। ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर 30 वर्षों के बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। यह दिन भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे खास दिन होता है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी को चंद्रमा सूर्य के समीप होते हैं, इसलिए जीवन रूपी चंद्रमा का शिव रूपी सूर्य के साथ महायोग मिलन होता है। इस बार महाशिवरात्रि पर 30 वर्षों के बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष के साथ बांशी योग, सुनफायोग, शंख योग और शाम को 5:41 के बाद सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग निष्पादित होगा। इन सब योगों में किए गए पाठ,पूजा और कार्यों का कई गुना अधिक फल शिव भक्तों को प्राप्त होगा। वहीं महाशिवरात्रि पर शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि में विराजमान रहेंगे। साथ ही सूर्य देव अपने पुत्र एवं शनि की राशि कुंभ में चंद्रमा के साथ विराजित होंगे। ग्रहों की यह स्थिति 3 ग्रही योग का निर्माण कर रहे हैं जो लाभकारी होगी। इस दौरान शनिदेव अपनी प्रिय राशि कुंभ में अस्त होने से कैरियर और आर्थिक मामलों की दृष्टि से यह स्थिति बहुत ही अच्छी होगी। ऐसे में महाशिवरात्रि व्रत रखने से तथा शिव पूजा करने से शनि के सभी दोष दूर होंगे।
राशियों पर रहेगा असर:-
इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन गुरु अपनी प्रिय राशि मीन में वही शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में विराजित होने से मिथुन, कन्या, धनु, मीन राशि वालों के लिए हंस योग का और मालव्य योग का निर्माण होगा जो इन राशियों के लिए शुभ कार्य फल प्रदान करेगा। वहीं वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि के लिए शश नामक योग नौकरी और व्यापार की दृष्टि से शुभ रहने वाला होगा। शेष राशि, मेष, कर्क, तुला, मकर राशि वालों को यह समय सामान्य फलकारी रहेगा।
कालसर्प दोष निवारण के लिए होगी पूजा:-
बालाजी धाम दरबार सेवा समिति द्वारा महाशिवरात्रि पर्व पर 18 फरवरी को कालसर्प दोष, पित्र दोष, मंगल दोष, राहु केतु दोष, निवारण शांति पूजा का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी मंदिर के महंत पंडित किशोर कुमार शर्मा ने दी।