भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पुलिस ने मंत्री गोपाल भार्गव को गेट पर रोका, मचा बवाल
ग्वालियर। ग्वालियर में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने आए प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव को सुरक्षाकर्मियों ने गेट पर रोक लिया। इससे मंत्री भड़क गए और गुस्से में वे बाहर की तरफ निकले। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने उनके सामने हाथ जोड़े।
दरअसल, ग्वालियर में रविवार को जीवाजी यूनिवर्सिटी के सभागार में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित की गई है। इसमें शामिल होने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत कई बड़े नेता पहुंचे हैं। मंत्री गोपाल भार्गव भी बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। वे गेट नंबर दो से प्रवेश कर रहे थे। इसी दौरान वहां खड़े सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें स्थानीय नेता समझकर रोक लिया। गोपाल भार्गव ने अंदर नहीं जाने देने का कारण पूछा, तो सुरक्षाकर्मियों ने जवाब दिया कि आपको एंट्री नहीं है। इतना कहते ही मंत्री गोपाल भार्गव भड़क गए। उन्होंने कहा कि मैं अभी मुख्यमंत्री से बात करता हूं। यह क्या मजाक बना रखा है। यह कहते हुए वे बाहर निकल गए।
सुरक्षाकर्मियों ने माफी मांगी -
जब भार्गव के मंत्री होने की बात पता चली तो सुरक्षाकर्मियों ने हाथ जोड़कर माफी मांगी। इस दौरान पुलिस के बड़े अधिकारी भी पहुंच गए, लेकिन मंत्री भार्गव का गुस्सा शांत नहीं हुआ। वह बाहर की ओर जाने लगे। मंत्री को गुस्से में देख मौजूद पुलिस अफसर उनके पीछे-पीछे दौड़ पड़े। मंत्री भार्गव ने कहा कि ये क्या मजाक बना रखा है। ये क्या तमाशा है। पहचान नहीं पाए। इन नालायकों को लगा दिया। पहले तलाशी लेंगे। किसी तरह वरिष्ठ नेताओं ने उनको समझाकर अंदर पहुंचाया। शोर सुनकर अंदर सभागार से अन्य वरिष्ठ नेता बाहर आए। उन्होंने मामले को संभाला और मंत्री को अंदर बैठक में ले गए।
मामले को लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि भाजपा में अवसरवादी और व्यवसायी नेता किस कदर हावी होते जा रहे हैं, इसका उदाहरण ग्वालियर में दिखा है। जिस तरह सीनियर मंत्री गोपाल भार्गव के साथ पुलिस ने बदतमीजी की है, वह पीड़ादायक है, क्योंकि वे सम्मानित नेता हैं। आशंका है कि उनका अपमान सिंधिया समर्थकों ने जानबूझकर पुलिस के माध्यम से करवाया है। यदि ऐसा है, तो उन कार्यकर्ताओं के लिए बड़ा आघात है, जो समर्पण से पार्टी के लिए काम करते हैं।