ग्वालियर, न.सं.। अलविदा होता 2022 शहरवासियों के लिए मिला-जुला रहा। बीतता साल 2022 भले ही जिले में चिकित्सकों की कमी पूरी तो नहीं कर पाया, लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सौगतें लेकर आया, जो जनता के जेहन में वर्षों तक रहेगी। जयारोग्य चिकित्सालय की बात करें तो यहां लोगों को पिछले 25 वर्षों से एक हजार बिस्तर के अस्पताल का इंतजर था, जो 2022 में पूरा हुआ। पॉटरीज की जमीन पर बने एक हजार बिस्तर के अस्पताल के शुरू होने से अब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच उपचार सम्भाव हो पा रहा है।
जयारोग्य के पत्थर वाले भवन में पलंगों की संख्या महज 300 होने के कारण मरीजों को मजबूरन जमीन पर लेट कर उपचार कराना पड़ता था। इसके अलावा जयारोग्य अस्पताल परिसर में अलग से नवनिर्मित बर्न यूनिट को भी शुरू किया गया, जिससे अब यहां पहले वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रहीं हैं। इसी तरह जिला अस्पताल की बात करें तो 200 पलंग के अस्पताल के विस्तार के लिए भी भूमिपूजन किया गया। इसी के चलते अब यह अस्पताल सर्व सुविधा युक्त 300 पलंग का हो जाएगा। इसके अलावा मरीजों के दबाव से बचने के लिए जिला अस्पताल की पंजीयन कक्ष के लिए भी नए भवन का निर्माण किया गया।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय की मिली सौगात
इस वर्ष जिले में एक और बड़ी सौगात मिली है, निजी चिकित्सा महाविद्यालय के रूप में। शहर के बड़ागांव स्थित देवराज इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज व अस्पताल का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 22 मई को भूमिपूजन किया।यह जिले का पहला निजी चिकित्सा महाविद्यालय होगा।