ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर जिले का मात्र एक झांसी रोड थाना है जिसका नाम उत्तरप्रदेश के शहर के नाम पर है। झंासी रोड हाइवे पर थाना स्थित होने के कारण यह नाम पड़ा है। बता दें झंासी रोड थाना शहर के पुराने में थानों में गिना जाता है। इसके बाद ही कोतवाली मुरार और गोला का मंदिर थाने अस्तित्व में आए। 50 वर्ष से ज्यादा पूर्ण कर चुके झंासी रोड थाना की सीमा पहले बिलौआ और बेहट तक आती थीं। पुराने समय में थाना यातायात थाने में संचालित होता था जो उप पुलिस महानिरीक्षक के पास स्थित है। ग्वालियर शहर की शान और पहचान जयविलास पैलेस महल थाना सीमा में आता है। गाडिय़ों के शोरुम और इंस्ट्रस्टीज एरिया बाराघाटा व विक्की फैक्ट्री यहां पर विद्यमान है। उस जमाने में झांसी रोड थाने में दो निरीक्षक बैठा करते थे। एक का क्षेत्र कोतवाली जनकगंज हुआ करता था तो दूसरे निरीक्षक का क्षेत्र मुरार व ग्वालियर थाना होता था। जबकि थाने की कमान एसओ के हाथों में होती थी। इन दिनों थाना जिस भवन में संचालित है वहां पर थाना तीस वर्ष पहले आया था।
पालिटेक्निक महाविद्यालय के गेट कांड चर्चित
वर्ष 1969-1970 की बात है पालिटेक्निक महाविद्यालय का गेट वाहन चालक ने ताड़ दिया था। छात्रों ने चालक को वाहन के साथ पकडक़र पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने मामला रफा-दफा करते हुए चालक को छोड़ दिया। जब यह बात महाविद्यालय के छात्र जिसमें सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक राकेश सिन्हा सहित अन्य छात्रों को पता चली तो उन्होंने थाने का घेराव कर दिया। एक सप्ताह तक आंदोलन चला। उस समय वह आंदोलन काफी चर्चित रहा था।
प्राचीन मंदिरों से घिरा क्षेत्र
झांसी रोड थाना की सीमा में सिंधिया राजघराने की पूजनीय देवी मांढरे की माता का प्राचीन मंदिर कैंसर पहाडिय़ा के नीचे बना हुआ है तो वहीं नाकाचन्द्रबदनी पर नहर वाली माता का भी एतिहासिक मंदिर बना हुआ है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर पर कभी शेर भी आया करते थे। थाने के पास ही वैष्णो माता मंदिर और अचलेश्वर मंदिर भी विद्यमान हैं।
मंंत्री विधायक करते हैं निवास
जय विलास पैलेस महल में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व मंत्री मायासिंह मामा ध्यानेन्द्र सिंह, बसंत विहार में सासंद रामलखन सिंह कुशवाह, हरिशंकर पुरम में कप्तानसिंह गुर्जर, पूर्व मंत्री इमरती सहित अन्य अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति निवास ेकरते हैं।
संवेदनशील क्षेत्र महलगांव व रानीपुरा
महलगांव का कुछ क्षेत्र थाने की सीमा में आता है जो संवेदनशील है तो वहीं रानीपुरा , नाकाचन्द्रबदनी, सहित 11 मतदान केन्द्र संवेदनशील हैं।
शिक्षण संस्थान व चिकित्सालयों की भरमार
आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, आईटीएम, एनआईटीएम, नर्सिंग महाविद्यालय के अलावा शहर का सबसे बड़ा कैंसर चिकित्सालय बना हुआ है। एतिहासिक इमारत में माध्यमिक विद्यालय संचालिक होता है।
थाने का स्टाफ
- निरीक्षक: 01
- उपनिरीक्षक: 06
- सहायक उपनिरीक्षक: 02
- प्रधान आरक्षक: 12
- आरक्षक: 58
इनका कहना है
आज अपराध हाइटेक हो चला है लेकिन पुलिस केे पास भी कई प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं जिससे अपराधी कितनी भी सावधानी बरतें लेकिन पुलिस उसे दबोच ही लेगी। झंासी रोड थाना में परिवारिक विवाद के अलावा रेल से कटकर जान देने के प्रकरण ज्यादा होते हैं।
राशिद खान
थाना प्रभारी