ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर महानगर में सिरोल थाना सबसे नया थाना है। इसकी स्थापना को महज सात वर्ष ही हुए हैं। व्हीआईपी क्षेत्र और गगनचुम्बी इमारतें इस थाने की पहचान कह सकते हैं। आज से डेढ़ दशक पहले सिरोल में खेती और जंगल हुआ करता था जो आज विकसित होकर नया ग्वालियर का रुप भी ले रहा है। शहर के लोग अब अपना नया आशियाना बनाने के लिए सिरोल क्षेत्र को ही पहली पंसद मानते हैं। इस थाना सीमा में शासन ने भी शासकीय निर्माण कराए हैं। केेन्द्रीय और प्रदेश के प्रमुख कार्यालय भी यहां पर स्थित हैं। डीबी सिटी, विंडसर हिल, एमके सिटी, आरेंजवुड, आदित्य रेंजीडेंसी, कोस्मों आनंद, मेट्रो टॉवर, सहित अन्य बड़ी बड़ी टाउनशिप हैं। थाने की सीमा पांच थानों से जुड़ी हुई है। विदेशी छात्र यहां रहकर अध्ययन कर रहे हैं। बोस्टन महाविद्यालय भी यहां पर बना हुआ है। इस क्षेत्र से कभी स्वर्ण रेखा नदी बहती थी जो अब विलुप्त हो गई है। हाइवे होने के कारण यहां पर सडक़ दुर्घटनाएं काफी होती हैं। हिस्ट्रीशीटर चार हैं तो गुंडे की संख्या भी चार है।
रमौआ बांध क्षेत्र की शान
सिरोल में रमौआ बांध अंग्रेज शासन काल बना हुआ है। रमौआ बांध जब से बना है तब से हजारों ग्रामीण परिवारों की प्यास बुझा रहा है। यह क्षेत्र का मात्र इकलौता पानी का स्त्रोत है। लोग यहां पर परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए भी जाते हैं।
यह हैं प्रमुख कार्यालय
जीएसटी कार्यालय, परिवहन विभाग के अलावा परिवहन कमिश्नर कार्यालय भी हैं। जिला शिक्षा कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय, यातायात टे्रफिक सेंटर आदि बने हुए हैं।
जमीन विवाद सबसे बड़ी समस्या
क्षेत्र जैसे जैसे विकासित हो रहा है जमीन की कीमतें बढ़ रही हैं। जिस कारण आए दिन जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद होते रहते हैं। अतिक्रमण और जमीन विवाद थाना क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है।
थाने में पदस्थ बल
- थाना प्रभारी-1
- उपनिरीक्षक-4
- सहायक उपनिरीक्षक-1
- प्रधान आरक्षक-12
- आरक्षक-20
- महिला प्रधान आरक्षक-1
- महिला आरक्षक-3
इनका कहना है
जमीन संबंधी विवाद और हाइवे होने के कारण सडक़ दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं। क्षेत्र में व्हीआईपी और अधिकारियों के निवास होने के कारण सर्तकता रखना चुनौतीपूर्ण रहता है।
गजेन्द्र धाकड़
सिरोल थाना प्रभारी