ग्वालियर-चंबल संभाग के 9 में से दो बांध लबालब, अपर ककैटो बांध 94 प्रतिशत खाली

तिघरा में अभी आधे से भी कम पानी

Update: 2023-07-15 00:30 GMT

ग्वालियर,न.सं.। उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में मानसून की बारिश कहर बरपा रही है। कई राज्यों में बारिश से बांध लबा लब हो चुके है। ग्वालियर चंबल अंचल में एक जून से अब तक बारिश कुल 346.2 मिलीमीटर दर्ज की गई है। लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग के 9 में से सिर्फ दो बांध ही लबालब हो पाए है।

ग्वालियर व चंबल संभाग में भले ही झमाझम बारिश हो रही हो, लेकिन 9 बांध लबालब नहीं हो पाए है। जौरा के पगारा बांध 34 प्रतिशत ही भरा हुआ है। तिघरा बांध भरने के लिए अभी 50 फीसदी पानी की जरूरत और है। कोतवाल टैंक भरने के लिए 4 प्रतिशत तो महुअर टैंक भरने के लिए अभी 60 फीसदी पानी चाहिए।

बारिश के मिजाज में इस बार खास परिवर्तन देखने को मिला है कि ग्वालियर की प्यास बुझाने वाला तिघरा बांध, अपर ककैटो, ककैटो, पेहसारी, हरसी में से कोई भी बांध लबालब नहीं है।

सिंध, पार्वती, आसन पर बने हैं बांध

शिवपुरी जिले में सिंध नदी पर मडीखेड़ा डैम व मोहनीसागर पिकअप बियर है। अशोकनगर जिले में बेतवा नदी पर राजघाट बांध बना है। ग्वालियर जिले में पार्वती नदी पर हरसी व ककैटो बांध बने हैं। श्योपुर जिले में पार्वती नदी पर अपर ककैटो डैम बनाया गया है। इसमें 370 मीटर पानी भराव की क्षमता है।

तीन एमसीएफटी पानी की सप्लाई बढ़ी

अमृत योजना के शुरू होने के कारण ग्वालियर शहर में प्रतिदिन 3 एमसीएफटी पानी की सप्लाई बढ़ गई हैं । पहले ग्वालियर में प्रतिदिन 8 से 9 एमसीएफटी पानी की सप्लाई होती थी, जबकि अब शहर में 12 एमसीएफटी पानी की सप्लाई हो रही है। इसके कारण तिघरा बांध भी लगातार खाली हो रहा है।

यह है बांधों की स्थिति

बांध क्षमता वर्तमान स्तर प्रतिशत

तिघरा 225.55 124.29 49

अपर ककैटो 370 52.24 6

पिलौओ 168.09 16.95 100

पेहसारी 334.36 44.25 75

पगारा 199.33 120.54 34

कोतवाल 57.45 168.28 96

महुहर 317 324.35 40

ककैटो 342.74 ---- 70

हरसी 264.93 ----- 71

कैंचमेंट एरिया में कम हो रही बारिश

ग्वालियर शहर की पेयजल व्यवस्था को संभालने वाले चार बांध अपर ककैटो, ककैटो, पेहसारी और तिघरा बांधों में पानी आना शुरू हो गया है। हालांकि यह पानी शिवपुरी जिले में हो रही वर्षा के कारण ही आ रहा है। ककैटो और अपर ककैटो का कैचमेंट एरिया बहुत अधिक बड़ा नहीं होने के कारण इन बांधों को भरने में काफी समय लग रहा है। जबकि ककैटो, पेहसारी और तिघरा के कैचमेंट एरिया में बारिश नहीं हो रही है।  

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