यशोदा रेसिडेंसी मामले में तीन इंजीनियरों पर होगी प्राथमिकी, इमारत होगी राजसात

Update: 2023-01-15 00:30 GMT

ग्वालियर, न.सं.। विवेकानंद नीडम से रजिस्ट्रार ऑफिस मार्ग पर बने कई मंजिला यशोदा रेसीडेन्सी की भवन अनुज्ञा के निरस्त होने के बाद अब जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने एक बड़ा आदेश जारी किया है जिसमें बिल्डर से सांठ-गांठ कर नक्शे के विपरीत भवन अनुज्ञा देने वाले निगम के इंजीनियरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी साथ ही यशोदा रेसीडेन्सी को राजसात किया जाएगा।

यहां बता दें कि यशोदा रेसीडेन्सी में हुए करोड़ों रुपए के राजस्व घोटाले और गलत भवन अनुज्ञा का मामला सर्व प्रथम स्वदेश ने उठाते हुए खबरों का प्रकाशन किया था। इस मामले में यशोदा रेसीडेन्सी निवासी आवेदक बी.सी. मिश्रा व अन्य निवासीगण द्वारा समय-समय पर शिकायतें की गईं थी कि जिस पर जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष तिवारी, अनुविभागीय अधिकारी झांसी रोड सीबी प्रसाद से जांच कराई। इसके बाद जिला पंचायत ग्वालियर, अपर आयुक्त नगर निगम, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश से संयुक्त जांच कराई गई।

उक्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिलाधीश द्वारा संबंधित दोषी कर्मचारी तत्कालीन भवन निरीक्षक राजीव सोनी, तत्कालीन भवन अधिकारी महेन्द्र अग्रवाल एवं तत्कालीन नगर निवेशक आरके पाण्डेय के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने हेतु आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यशोदा रेसीडेंसी में अब्रिक्रित भवन को राजसात कर नीलामी की प्रक्रिया कर प्राप्त राशि का उपयोग यशोदा रेसीडेंसी के विकास में लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। यशोदा रेसीडेंसी में टी.एन.सी.पी. से स्वीकृत ले-आउट के विपरीत निर्माण को हटाया जाकर स्वीकृत ले-आउट अनुसार निर्माण किए जाने हेतु आदेश जारी किए गए हंै। उक्त आदेश में आयुक्त नगर निगम किशोर कन्याल, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश वीके शर्मा को संपूर्ण कार्यवाही एक माह के भीतर किए जाने की समय सीमा दी गई है।

नेता और अधिकारियों के फ्लैट:-

यशोदा रेसीडेन्सी में मुख्य भूमिका राजेन्द्र यादव बिल्डर और साझेदारों की है। इसमें कई राजनेता और विभिन्न विभागों के अधिकारियां के फ्लेट हैं।

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