एलिवेटेड सड़क बनी तो निखर जाएगी स्वर्णरेखा
सिंधिया की मांग पर मुख्यमंत्री ने दी योजना पर स्वीकृति
ग्वालियर,न.सं.। शहर के बीच में से होकर निकलने वाली स्वर्णरेखा नदी में कभी स्वच्छ जल बहता था, लेकिन आज स्वर्णरेखा नदी नाले के रूप में बदल चुकी है। हनुमान बांध से शुरू हुई साढ़े 13 किलोमीटर लंबी स्वर्ण रेखा नदी के कायाकल्प के लिए बरसों से प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन यह प्रयास धरातल पर कम और कागजों पर अधिक चलते रहे। अब स्वर्णरेखा नदी की दशा सुधारने के लिए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक पहल की है। बीते रोज शहर में आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सामने श्री सिंधिया ने रानी लक्ष्मी बाई समाधि से चार शहर के नाके तक स्वर्णरेखा नाले पर एलिवेटेड सड़क बनाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने तुरंत ही सिंधिया कि इस मांग पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी है। अगर इस योजना पर सही तरीके से काम हुआ तो स्वर्ण रेखा का कायाकल्प होने के साथ शहर वासियों को भी एक बड़ी सौगात मिल जाएगी। साथ ही यातायात की सुविधा भी हो जाएगी।
स्वर्णरेखा नदी के उद्धार के लिए सामाजिक संगठन तथा शहरवासी कई बार अपनी आवाज जनप्रतिनिधियों तक पहुंचा चुके हैं। लेकिन अभी तक स्वर्णरेखा के कायाकल्प के लिए कोई भी ठोस योजना बन कर सामने नहीं आई थी। लेकिन अब राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर जो एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव सीएम के समक्ष रखा गया है, उससे शहरवासियों स्वर्णरेखा के कायाकल्प की एक आशा की किरण नजर आने लगी है। सूत्रों की मानें तो इस एलिवेटेड रोड के लिए शीघ्र प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा और स्वीकृत मिलने के साथ ही इस पर काम भी तेजी से शुरू होगा।
20 फीट चौड़ी होगी सड़क
हनुमान बांध से शर्मा फार्म तक स्वर्ण रेखा नदी का सीमेंटीकरण कर पक्का कर दिया गया था। योजना के तहत नदी के दोनों किनारे सड़क भी बनना थी। लेकिन कुछ स्थानों पर ही सड़क बन सकी। अब जहां-जहां सड़क नहीं बन सकी हैं, वहां काम शुरू किया जाएगा। अभी हनुमान बांध से शनिदेव मंदिर तक नदी के केवल एक ओर सड़क है।
यह काम किए जाएंगे
- स्वर्ण रेखा को महानगरों की तरह विकसित किया जाएगा।
- नदी के दोनों किनारों पर लैंडस्केपिंग व बगीचे विकसित कर स्मार्ट लाइट लगाई जाएंगी।
- तली में बिछी सीवर लाइन के पानी को विशेष तकनीकी से साफ कर उपयोगी बनाया जाएगा। साफ पानी को इसके डेढ़ किमी के हिस्से में भरा जाएगा।
अभी नालों से आ रहा सीवर का पानी
स्वर्ण रेखा नदी हनुमान बांध से शुरू होकर शर्मा फॉर्म मल्लगढ़ा चौराहा पर जाकर बड़े नाले में मिलती है। कुल 13.65 लंबाई की इस नदी में लश्कर और उपनगर ग्वालियर के 89 छोटे-बड़े नाले मिले हैं। निगम प्रशासन ने सीवर की लाइन बिछाकर सीवर का गंदा पानी बहने से रोकने का प्रयास किया। लेकिन नाले चौक होने पर सीवर का पानी नदी में आ जाता है।
इनका कहना है
स्वर्ण रेखा नदी के पास हवाई सड़क(एलिवेटेड) बनाने को लेकर अधिकारी जल्द ही डीपीआर तैयार कर भोपाल भेजेगे। वहां से डीपीआर स्वीकृत होते ही स्वर्ण रेखा नदी के पास काम शुरु किया जाएगा।
एमबी ओझा, संभागीय आयुक्त