कार्डियोलॉजी विभाग का होगा विस्तार, मरीजों को मिलेगी बाईपास सर्जरी की सुविधा
कार्डियो थोरेसिक विभाग के लिए तृतीय तल पर निर्माण हुआ शुरू
ग्वालियर, न.सं.। पॉटरीज की जमीन पर बने एक हजार विस्तर के नए अस्पताल के शुरू होने से मरीजों को काफी लाभ मिलेगा। वहीं ह्दय रोग विभाग का भी विस्तार किया जा रहा है। जिससे यहां पहुंचने वाले मरीजों को बाईपास सर्जरी की सुविधा मिल सके। इसके लिए निर्माण कार्य भी चालू किया जा चुका है और जल्द ही शासन से पद स्वीकृत हो जाएंगे।
दरअसल जयारोग्य चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी विभाग का करीब आठ वर्ष पूर्व शुभारम्भ किया गया था। वर्तमान में कार्डियोलॉजी में मरीजों को एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की सुविधा ही मिल पाती है। जिस कारण कई मरीजों को बाईपास सर्जरी के लिए दिल्ली सहित अन्य बड़े शहरों में परेशान होना पड़ता है। इसी परेशानी को देखते हुए कार्डियोलॉजी विभाग में वाईपास सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए अस्पताल के तृतीय तल पर कार्डियो थोरेसिक विभाग का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें 25 से 30 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। उक्त निर्माण लगभग एक वर्ष में पूर्ण भी कर लिया जाएगा। कार्डियोलॉजी के चिकित्सकों का कहना है कि कार्डियो थोरेसिक विभाग के शुरू होने से मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।
निजी अस्पताल में खर्च करने पड़ते है दो से तीन लाख
बाईपास सर्जरी की बात करें तो वर्तमान में जिले के एक या दो अस्पतालों में ही बाईपास सर्जरी की सुविधा है। उक्त सर्जरी के लिए मरीजों को दो से तीन लाख तक खर्च करने पड़ते हैं। इसके अलावा अगर बाईपास सर्जरी दिल्ली में कराई जाए तो तीन से चार लाख तक खर्च होते हैं। लेकिन जयारोग्य में यह सुविधा शुरू होने के बाद मरीजों को सर्जरी के लिए मोटी रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी।
चिकित्सक व स्टाफ के लिए भेजा प्रस्ताव
कार्डियो थोरेसिस विभाग को संचालित करने के लिए महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा चिकित्सकों व स्टाफ के लिए एक प्रस्ताव भी भोपाल पहुंचाया जा चुका है। इसमें एनएमसी के नियमानुसार कार्डियोथोरेसिक सर्जरी के लिए एक प्राध्यापक, एक सह प्राध्यापक, दो सहायक प्राध्यापक और चार सीनियर रेजिडेंट की जरूरत है। वहीं कार्डियक एनेस्थीसिया के लिए एक प्राध्यापक, एक सह प्राध्यापक और दो सहायक प्राध्यापक और चार सीनियर रेजिडेंट, 50 स्टाफ नर्स, चार कैथलैब टेक्नीशियन, चार ओटी टेक्नीशियन, चार ईसीजी टेक्नीशियन, दो कार्डियक परफ्यूजनिस्ट, चार लैब अटेंडेंट, चार ओटी अटेंडेंट और दो कंप्यूटर आपरेटर की मांग की गई है।
जोड़ा जाएगा आईसीयू
नवनिर्मित एक हजार विस्तर के अस्पताल में मेडिसिन विभाग को भी शिफ्ट किया जा रहा है। शिफ्ट होने के बाद कार्डियोलॉजी के वगल में बना मेडिसिन आईसीयू भी पूरी तरह खाली हो जाएगी। जिसके बाद सम्भवत: आईसीयू को भी कार्डियालोजी में शामिल किया जाएगा। साथ ही आइसीयू के ऊपर बना बर्न वार्ड भी कार्डियोलाजी का ही हिस्से होगा। जिससे कार्डियोलॉजी विभाग के पास पलंगों की उपलब्धता पर्याप्त हो जाएगी।
कार्डियो थोरेसिक विभाग का निर्माण कार्य चालू हो गया है। साथ ही चिकित्सकों व स्टाफ के लिए जो प्रस्ताव भोपाल भेजा गया था, उस पर भी जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
डॉ. पुनीत रस्तोगी
विभागाध्यक्ष, कार्डियोलॉजी
कार्डियोलॉजी का विस्तार किया जा रहा है, जिससे मरीजों को उपचार के लिए परेशान न होना पड़े। कार्डियो थोरेसि विभाग को समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश भी संबंधित को दिए गए हैं।
डॉ. अक्षय निगम
अधिष्ठाता, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय