हजीरा क्षेत्र की बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाएं, जांचों से लेकर उपचार के लिए भटक रहे मरीज
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
ग्वालियर न.सं.। हजीरा क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। इसके लिए सिविल अस्पताल से लेकर बिरला नगर प्रसूति गृह सहित लधेड़ी अस्पताल में तमाम संसाधन जुटाएं जा रहे हैं। लेकिन किसी अस्पताल में स्टाफ की कमी तो किसी में जिम्मेदारों की अंदेखी के कारण मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है।
बिरला नगर प्रसूति गृह की बात करें तो यहां प्रतिदिन 250 से 300 महिलाएं उपचार के लिए पहुंचती हैं। इसके अलावा यहां प्रतिदिन तीन से चार प्रसव भी होते हैं। लेकिन यहां की पैथोलॉजी व्यवस्था की बात करें तो महिलाओं को सीबीसी सहित अन्य जांच रिपोर्ट चार से पाच दिन बाद उपलब्ध हो पाती है। ऐसा इसलिए कि प्रसूति गृह में महिलों के जांच नमूने तो ले लिए जाते हैं, लेकिन जांच लक्ष्मीगंज प्रसूति गृह में होती है। इसलिए महिलाओं को जांच रिपोर्ट के लिए चार से पाच दिन तक का इंतजार करना पड़ता है। इतना ही नहीं अगर किसी गम्भीर मरीज की जांच करानी हो तो उसे मजबूरन निजी पैथोलॉजी पर ही करनी पड़ती है। इसके अलावा यहां संचालित पैथोलॉजी का स्टाफ भी दस बजे के बाद ही पहुंचता है। जबकि ओपीडी समय सुबह 9 बजे से है, ऐसे में महिलाओं को जांच के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है। उसके बाद भी जिम्मेदार यहां की व्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं देते।
बिना स्टाफ का सहायता केन्द्र, आईसीयू भी नहीं हो सका शुरू
सिविल अस्पताल में मरीजों को उपचार के लिए भटकना न पड़े। इसके लिए यहां ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर के निर्देश पर एक सहायता केन्द्र भी स्थापित किया गया है। लेकिन यह केन्द्र भी सिर्फ नाम का बन कर रह गया है। क्योंकि सहायता केन्द्र के लिए आज दिन तक स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई। जिस कारण अधिकांश समय सहायता केन्द्र पर कोई मौजूद ही नहीं रहता। लेकिन जब किसी अधिकारी या मंत्री का अस्पताल में निरीक्षण होता है तो केन्द्र पर अस्पताल के ही स्टाफ को बैठा दिया जाता है। इसके अलावा यहां कोरोना काल में 20 पलंग का आईसीयू बनाया गया था। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण आईसीयू भी आज दिन तक शुरू नहीं हो सका। इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी स्टाफ की कमी के कारण शुरू नहीं हो पा रही हैं। जिस कारण यहां गम्भीर मरीजों को भी भर्ती नहीं किया जाता।
लधेड़ी अस्पताल की भी यही स्थिति
लधेड़ी स्थित प्रसूति गृह की बात करें तो यहां की स्थिति भी गम्भीर है। क्योंकि यहां महिलाओं को भर्ती करने की व्यवस्था तो है, लेकिन यहां मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता। इसलिए लधेड़ी प्रसूति गृह में सिर्फ ओपीडी ही संचालित होती है, जिसमें भी चिकित्सक समय पर नहीं पहुंचते। इसके अलावा यहां पिछले दो वर्षों से रेडियोग्राफर न होने के कारण एक्सरे मशीन भी धूल खा रही है।
बॉक्स
सिविल अस्पताल के लिए यह चाहिए स्टाफ
100 पलंग के सिविल अस्पताल को संचालित करने के लिए दो मेट्रन, चार नर्सिंग सिस्टर, 10 नर्सिंग अधिकारी। इसी तरह अस्पताल के आईसीयू को संचालित करने के लिए 20 नर्सिंग अधिकारी, चार वार्ड वॉय चाहिए। इसके अलावा अस्पताल में नेत्र शल्य कक्ष के लिए चार नर्सिंग अधिकारी, तीन वार्डवॉय सहित एमजीन्सि कक्ष के लिए चार पुरूष नर्सिंग अधिकारियों की आवश्यकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा भोपाल प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।
वर्जन
मरीजों को जांच रिपोर्ट 24 घंटे में दी जानी चाहिए, अगर बिरला नगर प्रसूति गृह में रिपोर्ट समय पर नहीं दी जा रही है तो मामलो को दिखवाता हूं। साथ ही सिविल अस्पताल में स्टाफ उपलब्ध कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है, जल्द ही स्टाफ की पूर्ती हो जाएगी।
डॉ. मनीष शर्मा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी