स्मार्ट सिटी के 58 में 38 कार्य पूरे 20 अधूरे 4 माह शेष

100 स्मार्ट सिटी कंपनियों का कार्यकाल जून में खत्म हो रहा है

Update: 2023-02-07 00:30 GMT

ग्वालियर,न.सं.। महानगर को स्मार्ट सिटी में बदलने के लिए सपना सात साल बाद भी साकार नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार ने 100 स्मार्ट सिटी का प्रथम चरण का कार्याकाल 30 जून 2021 में पूरा किया जाना था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते कार्यकाल को दो साल का बढ़ाकर जून 2023 तक स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्ट को पूरे करने होंगे। शहर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत किए जा रहे 58 कार्यों में से 38 कार पूर्ण हो चुके हैं और 20 कार्य अभी भी अधूरे पड़े हैं, इन्हें जून 2023 तक पूर्ण करना है। लेकिन, मनमानी व लापरवाही के चलते औसतन 40 प्रतिशत परियोजनाएं अब तक पूरी नहीं हुई है। जबकि स्मार्ट सिटी का काम साल 2015 में शुरू हुआ था अब चार माह में इस काम को पूरा करना काफी मुश्किल लग रहा है।

हालांकि जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि पूरी कोशिश होगी कि स्मार्ट सिटी परियोजना के सभी प्रोजेक्ट एक साल में पूरे कर लिए जाएं। लेकिन इतने समय में यह कर पाना संभव दिखाई नहीं दे रहा।

उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पांच साल के लिए था। यह अवधि पूरी होने पर जून 2021 में केंद्र सरकार ने देश की 100 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ाया था। यह फैसला कोरोना संक्रमण के चलते बार-बार हुए लॉकडाउन के कारण प्रोजेक्ट पर काम न हो पाने के कारण लिया गया था।

ये परियोजनाएं हुई पूरी

-म्यूजिकल फाउंटेन

-टाउन हॉल

-फसाड लाइटिंग

-फूलबाग चौपाटी

-इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर

-डिजिटल लाइब्रेरी

-पार्क

-स्मार्ट टॉयलेट्स

-गोरखी स्कूल

-जीआईएस सब स्टेशन

फैक्ट फाइल

-1000 करोड़ के 58 कार्य स्वीकृत

-362 करोड़ के 38 प्रोजेक्ट का कार्य पूर्ण

-638 करोड़ के 20 प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है।

-426.5 करोड़ के 13 प्रोजेक्ट अभी कागजों में है।

-553 करोड़ की राशि मिल चुकी है स्मार्ट सिटी को

-447 करोड़ की राशि मिलना है शेष।

-30 जून 2023 है कार्य पूरा करने की समय सीमा

यह परियोजनाएं अभी भी अधूरी

  • -स्मार्ट रोड अंडर ग्राउंड मल्टी लेवल पार्किंग का प्रोजेक्ट 299 करोड़ का है। एलएंडटी कंपनी को इस परियोजना को 18 महीने में पूरा करना था। इसमें 15.62 किमी की सडक़,अंडर ग्राउंड मल्टी लेवल पार्किंग व अन्य छोटी-छोटी 18 सडक़ें शामिल थी। लेकिन कंपनी दो साल बाद भी पूरा नहीं कर पाई।
  • -आईएसबीटी परियोजना का कार्य शुरु कर दिया गया है। यहां नींव भरने के लिए गडढे खोदने के बाद भरने का कार्य चल रहा है।
  • -शासकीय प्रेस बिल्डिंग का जीणोद्वार करीब 6 करोड़ से होना है। लेकिन अभी यहां पर कोई कार्य शुरु नहीं हो पाया है।
  • -राजपायगा रोड का कार्य धीमी गति से चल रहा है। अधिकारियों का दावा है कि इस रोड का काम एक महीने में पूरा हो जाएगा।

इनका कहना है

स्मार्ट सिटी के तहत 58 परियोजनाओं में से 38 के कार्य पूण हो चुके है। कुछ परियोजनाएं एक महीने में पूरी भी होने वाली है। हमारी पूरी कोशिश है कि सभी परियोजनाएं समय सीमा में पूर्ण हो।

नीतू माथुर

मुख्य कार्यपालन अधिकारी

स्मार्ट सिटी

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