जगह न मिलने के कारण 13 विभाग अभी भी जमे मोती महल में

कई बार पत्र जारी किए जा चुके हैं नोटिस

Update: 2023-04-04 00:30 GMT

ग्वालियर, न.सं.। 196 साल पुरानी मोतीमहल की ऐतिहासिक इमारत को हैरिटेज होटल में बदलने के लिए भले ही तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन जगह न मिलने के कारण मोतीमहल अभी भी पूरी तरह से खाली नहीं हो सका। जिस कारण मोती महल को मप्र पर्यटन बोर्ड को हस्तनातरित नहीं किया जा सका।

दरअसल मोतीमहल को हैरिटेज होटल में तबदील करने की योजना है। इसके लिए मोतीमहल को खाली कराने के लिए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कई बार निर्देश दिए जा चुके हैं। लेकिन जगह न मिलने के कारण मोतीमहल में अभी भी 13 विभाग संचालित हो रहे हैं। इतना ही नहीं मोतीमहल में जिन विभागों का संचालन हो रहा है, उनके अधिकारियों का कहना है कि शासन द्वारा उन्हें न तो जगह दी जा रही है और न ही भवन के लिए किराया। ऐसे में वह अपना विभाग कहां स्थानांतरित करें। उल्लेखनीय है कि मोतीमहल में भू अभिलेख, राजस्व मंडल, आबकारी, परिवहन, संभाग आयुक्त कार्यालय, आर्थिक अपराध अनवेषण ब्यूरो, स्वास्थ्य विभाग, रोजगार कार्यालय, जनसम्पर्क विभाग सहित अन्य कई विभाग संचालित होते रहे हैं। लेकिन अब यह सब जल्द ही इतिहास के पन्नो में सिमट जाएगा। क्योंकि मोतीमहल से अधिकांश विभाग को अन्य जगहों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके अलावा जो विभाग वर्तमान में संचालित हो रहे हैं, उन्हें भी जल्द स्थानांतरित कराया जाएगा। इसलिए अब मोती महल में जहां हर रोज हजारों की गूंग सुनाई देती थी, वहां अब सन्नाटा सा पसरा रहता है।

इन विभागों को नहीं किया जा सका स्थानांतरित

जिला महिला बाल विकास, संभागीय पेंशन कार्यालय, जिला रिकार्ड कार्यालय, कार्यालय उप संचालक आद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, जिला सांख्यिकी अधिकारी कार्यालय, अधीक्षक यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतू सम्भाग ग्वालियर, प्राचार्य लेखा प्रशिक्षण शाला मोती महल, पीएचई मेकेनिकल डिवीजन, उप पुलिस महानिरीक्षण चम्बल रेंज, संभागीय कार्यालय जन अभियान परिषद, कार्यालय उप पंजीयन रजिस्ट्रार फाम्र्स एवं संस्था में ग्वालियर एवं चम्बल सम्भाग, श्रम न्यायालय नं.-1 व नं.-2 एवं औघोगिक न्यायालय ग्वालियर शामिल हैं।

शाम होते ही असमाजिक तत्वों का रहता है जमावड़ा

मोती महल के अधिकांश विभागों के स्थानांतरित होने से जहां सन्नाटा तो पसरा ही रहता है। वहीं शाम होते ही असमाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है। इसके अलावा महल के पीछे की ओर रात के समय शराबियों की महफिल जम जाती है।

संभाग का पहला हैरिटेज होटल

मोतीमहल खाली होने के बाद यहां भव्य होटल दिखाई देगा। पर्यटन बोर्ड द्वारा यहां होटल कारोबार कैफे हाउस कैफेटेरिया, मनोरंजन पार्क आदि विकसित कराएगा। पर्यटन बोर्ड को मोतीमहल की यह इमारत मिलने के बाद ग्वालियर-चबल संभाग का यह पहला हैरिटेज होटल होगा। इस इमारत के अंदर 695 कमरे है, जो अपने आपमें बेहद प्राचीन और पुरातत्व महत्व के है जिनको देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए उपयोगी माना जा रहा है। यहां पर दरबार हॉल जैसे ऐतिहासिक हॉल भी मौजूद है।

मार्च 2022 तक करना था खाली

मोतीमहल को वर्ष 2020 तक खाली किया जाना था। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण मोतीमहल खाली नहीं हो सका। इसलिए मार्च 2022 तक मोती महल को खाली करने का समय दिया गया। लेकिन एक वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी

पूरी तरह खाली नहीं हो सका।

मोतीमहल से अधिकांश विभाग स्थानांतरित हो चुके हैं, जो विभाग संचालित हो रहे हैं। उन्हें जल्द अन्य स्थानों पर विभाग स्थानांतरित करने के लिए कई बार नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं, लेकिन महल को खाली नहीं किया जा रहा।

ओम हरी शर्मा

एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी

मोतीमहल को खाली होने की बात चार वर्ष से चल रही है। जैसे ही खाली होगा तब राज्य शासन द्वारा हमें पत्र भेजा जाएगा। इसके बाद हम आगे की कार्यवाही करेंगे।

आरके राय, क्षेत्रीय प्रबंधक, मप्र पर्यटन विकाश निगम

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