SwadeshSwadesh

'रुक जाना नहीं योजना' से अनुत्तीर्ण छात्रों का संवरेगा भविष्य

Update: 2019-03-28 17:37 GMT

भोपाल/विशेष संवाददाता। मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा "रुक जाना नहीं योजना" के तहत दसवीं और बारहवीं के अनुत्तीर्ण छात्रों को दोबारा परीक्षा का मौका उपलब्ध कराती है। जिसके तहत माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 2 विषयों में अनुत्तीर्ण छात्र परीक्षा दे सकते है।

माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और12वीं की परीक्षाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं। जहां गुरुवार को 10वीं की बोर्ड परीक्षा का आखिरी सम्पन्न हो चुका है, तो वही 12वीं की परीक्षा 2 मार्च को खत्म होंगीं। शिक्षा विभाग ने 10 वीं 12वीं की परीक्षा खत्म होने से पहले ही मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा "रुक जाना नहीं योजना" के फॉर्म भरने की तैयारियां शुरू कर दी है। जिसका मुख्य उद्देश्य दसवीं और बारहवीं में अनुत्तीर्ण छात्रों को एक मौका देकर उनका जीवन संवारना है। ताकि छात्रों का साल खराब न हो और अगली क्लास में एडमिशन ले सके.ओपन बोर्ड के संचालक पीआर तिवारी ने बताया कि बोर्ड द्वारा परीक्षाओं की तैयारियां पूरी कर ली गई है। जिसके लिए टाइम टेबल भी घोषित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि छात्रों के लिए वर्चुअल क्लासेस भी लगाई जाएगी। जिसमें पढ़ाई में कमजोर छात्रों को उस विषय की जानकारी दी जाएगी। जिसमें वह पास नहीं हो सके है।

करियर को लेकर कन्फ्यूज तो ये है सुनहरा मौका

सरकारी स्कूलों में छात्रों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने करियर मेले का आयोजन करने के लिए सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया है। स्कूल प्रशासन को यह निर्देश दिए गए है कि वो गली और बस्तियों में जाकर छात्रों और अभिभावकों को सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए जागरूक करें। 10वीं और 2वीं की परीक्षा खत्म होते ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए करियर काउंसिल मेले का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत 9वीं और 11वीं के छात्र अपने नए सत्र में विषय चयन के लिए काउंसलर से मदद ले सकेंगे। मेला 5 अप्रैल से 15 अप्रैल तक लगेगा। इस मेले की मदद से कन्फ्यूज छात्रों को शिक्षा में बेहतर गाइडलाइन मिल सकेगी। सरकारी स्कूलों में छात्रों की कमी होने की वजह से स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रशासन को आदेश दिए हैं, कि अब गली और बस्तियों में जाकर छात्रों और अभिभावकों को प्रेरित करें। जिससे प्रदेश का हर बच्चा शिक्षा ले सके।

Similar News