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मध्यप्रदेश सरकार ने किया पेट्रोल-डीजल महंगा, 3 रुपये तक बढ़े दाम

प्रदेश में पेट्रोल-डीजल हुआ, बढ़ेगी महंगाई, सरकार ने कहा- आर्थिक संसाधनों के लिए उठाया कदम

Update: 2019-09-21 07:12 GMT

भोपाल। बीते दिनों हुई भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में आए मध्यप्रदेश के नागरिकों पर राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से बड़ा बोझ डाल दिया है। पेट्रोल-डीजल और शराब पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वैट में पांच फीसदी का इजाफा कर दिया है। इससे पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है। शुक्रवार को आधी रात से वैट की नई दरें लागू हो गई हैं। हालांकि, राज्य सरकार ने वैट बढ़ाने के पीछे तर्क दिया है कि इससे राजस्व में इजाफा और बाढ़ पीड़ितों की मदद में सहायता मिलेगी, लेकिन पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों का सीधा असर आवश्यक सामग्रियों की ढुलाई पर पड़ेगा जिससे महंगाई भी बढ़ जाएगी। भाजपा ने भी वैट बढ़ाने के राज्य सरकार के कदम का विरोध किया है।

इन दिनों मध्यप्रदेश की जनता बाढ़ की विभीषका से उबर भी नहीं पाई थी कि राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ित प्रदेशवासियों पर एक बोझ और लाद दिया है। कमलनाथ सरकार ने पेट्रोल डीजल और शराब पर लगने वाले वैट में पांच फीसदी का इजाफा कर दिया है। इससे पहले पेट्रोल पर 18 फीसदी, डीजल पर 18 फीसदी और शराब पर पांच फीसदी वैट राज्य सरकार वसूल रही थी जो अब बढ़कर पेट्रोल पर 33 फीसदी, डीजल पर 23 फीसदी और शराब पर 10 फीसदी हो गया है। यह दरें शुक्रवार को आधी रात से लागू कर दी गई हैं। राज्य सरकार को उम्मीद है कि उसके खजाने में इस टैक्स से 3000 करोड़ रुपये की आय अतिरिक्त आएगी।

पांच फीसदी वैट बढ़ने के बाद मध्यप्रदेश में पेट्रोल दो रुपये 91 पैसे प्रति लीटर और डीजल दो रुपये 86 पैसे महंगा हो गया है। शनिवार को राजधानी भोपाल में पेट्रोल के दाम 81.15 रुपये और डीजल के दाम 72.51 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। वहीं, इंदौर में शनिवार को पेट्रोल 3.26 रुपये और डीजल 3.14 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है, जबकि जबलपुर में पेट्रोल 82 और डीजल 73 रुपये प्रति लीटर के भाव में बिक रहा है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में शराब के दाम भी शनिवार से बढ़ गए हैं।

कमलनाथ सरकार ने वैट में बढ़ाने का निर्णय ऐसे समय लिया है, जब केंद्र की मोदी सरकार मंदी से निपटने के लिए बड़ी-बड़ी राहत पैकेज की घोषणा कर रही है। वैट बढ़ाने के पीछे राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का तर्क दिया है। वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आर्थिक संसाधनों की जरूरत को देखते हुए यह कदम उठाया है। सरकार को इस कदम से महीने में 225 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। इससे बाढ़ पीड़ितों को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

इधर, भाजपा ने राज्य सरकार के वैट बढ़ाने के कदम का विरोध किया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि एक और तो राज्य सरकार महंगाई और आर्थिक मंदी जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की बात कह रही है और दूसरी ओर जनता पर मनमाने टैक्स लाद रही है। सरकार का यह कदम बाढ़ग़्रस्त मध्यप्रदेश के नागरिकों की कमर तोड़ने वाला साबित होगा।

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