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गांजे की खेती को सरकार ने दिए यह निर्देश, जानें

Update: 2019-11-20 10:23 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार गांजे की खेती को वैध करने की तैयारी कर रही है। इसे भी अफीम की खेती की तरह लाइसेंस दिया जाएगा। इसके लिए वाणिज्यिक कर विभाग ने एनडीपीसी नियमों में बदलाव करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है।

ये बदलाव इंडसकेन कंपनी के प्रस्ताव पर किया जा रहा है। कंपनी ने गांजे से कैंसर समेत कई असाध्य बीमारियों की दवा बनाने के लिए 12 सौ करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। कंपनी के इस प्रस्ताव पर सीएम कमलनाथ ने भी सहमति दी है। कंपनी प्रदेश में 25 एकड़ जमीन पर गांजे की खेती करना चाहती है। बता दें कि अभी तक देश में गांजे की खेती और उसे बेचना गैर कानूनी है।

गांजे की खेती को लेकर प्रदेश सरकार में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बयान दिया है। बुधवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार हेम्प की खेती करायेगी। ये गांजे की प्रजाति की है। इसका उपयोग केंसर की दवा के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये गांजा खाने या पीने के लिए नही है।

बर्खास्त भाजपा विधायक प्रहलाद पर बोले पीसी शर्मा

बर्खास्त भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता और पोर्टल बंद करने पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि जो पूर्व विधायक के अधिकार होते हैं वो उन्हें भी मिलेंगे। कोर्ट के आदेश पर उन पर कार्यवाही की जा रही है। हाईकोर्ट द्वारा महापौर का चुनाव पार्षदों के जरिए करने का रास्ता साफ होने पर मंत्री शर्मा ने कहा कि महापौर का चुनाव पार्षदों के जरिये करने का फैसला मंत्रिमंडल में तय हुआ था जिसके खिलाफ विपक्ष हाई कोर्ट गया था। लेकिन अब कोर्ट ने याचिका खारिज की है और अब पार्षद ही महापौर को चुनेंगे। उन्होंने कहा कि नगर निगमों में प्रशासक बैठकर चुनाव कराएंगे। 

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