SwadeshSwadesh

गंगा को स्वच्छ व अविरल बनाने की दिशा में प्रयास जारी: गडकरी

Update: 2018-12-19 09:08 GMT

नई दिल्ली। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा और यमुना को स्वच्छ और अविरल बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। उन्होंने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि नदियों की सफाई एक सतत प्रक्रिया है। गंगा, यमुना सहित कई और नदियों को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए तहत कार्य किए जा रहे हैं।

राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण ने दिनांक 05 अक्टूबर 2009 को हुई अपनी पहली बैठक में प्रस्ताव पारित किया था कि वर्ष 2020 से गंगा नदी में किसी भी नगरपालिका का अशोधित सीवेज अथवा औद्योगिक कचरा इन नदियों में नहीं प्रवाहित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि भारत सरकार गंगा नदी के प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता देकर राज्य सरकारों के प्रयासों में सहयोग कर रही है। नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत गंगा नदी की सफाई के लिए कई कार्य किए गए हैं। अब तक, 24,672 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 254 परियोजनाएं मंजूर की गई हैं जिनमें से 75 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि गंगा की सहायक नदियों अर्थात यमुना, काली, रामगंगा, गोमती, हिंडन, सरयू, सोन, गंडक, बूढ़ी गंडक, क्यूल, कोसी, महानंदा और दामोदर पर भी परियोजनाएं शुरू की गई हैं। अब तक, 4580 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 1898 एमएलडी एसटीपी क्षमता सृजन/पुनर्बहाली के लिए 23 परियोजनाएं मंजूर की गई हैं।

गडकरी ने कहा कि यमुना नदी की सफाई भी नमामि गंगे मिशन का हिस्सा है और भारत सरकार हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को वर्ष 1993 से यमुना कार्य योजना (वाईएपी) के अंतर्गत चरणबद्ध ढंग से वित्तीय सहायता देकर गंगा नदी की सहायक नदी यमुना में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए राज्यों के प्रयासों में सहयोग दे रही है।

उन्होंने कहा कि यमुना नदी के संरक्षण पर कुल 1514.70 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसके अलावा, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश राज्यों में 1774 एमएलडी सीवेज परिशोधन क्षमता के सृजन/पुनर्बहाली के लिए 3941.73 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत 17 परियोजनाएं शुरू की गई हैं। (हि.स.)

Similar News