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सत्ता प्राप्ति के लिए खरीदें जा रहे थे विधायक, इसलिए भंग की विधानसभा - राज्यपाल

Update: 2018-11-22 09:46 GMT
File Photo

जम्मू कश्मीर/स्वदेश वेब डेस्क। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गुरूवार को कहा कि वह राज्य में ऐसी किसी भी सरकार के पक्ष में नहीं हैं जो खरीद-फरोख्त व केवल सत्ता प्राप्त करने के लिए बने। बुधवार देर शाम राज्य की विधानसभा भंग करने का आदेश देने के बाद उन्होंने आज यह बात स्पष्ट तौर पर कही।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति के दिन से ही वह यह कह रहे हैं कि वे जोड़तोड़ करके और खरीद फरोख्त के सहारे बनने वाली किसी भी सरकार के पक्ष में नहीं हैं। इसके बजाय चुनाव हों और चुनी हुई स्थिर सरकार राज्य में शासन करे। उन्होंने बुधवार को हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में कहा कि वे ताकतें जो जमीनी स्तर पर लोकतंत्र बिल्कुल नहीं चाहती थीं और अचानक यह देखा कि हमारे हाथ से चीजें निकल रहीं हैं तो वे एक अपवित्र गठबंधन करके मेरे सामने आ गए। उन्होंने कहा कि मैंने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया है बल्कि मैंने जो जम्मू-कश्मीर की जनता के हित में था, वही काम किया है।


 राज्यपाल ने कहा कि मुझे पिछले 15 दिनों से विधायकों की खरीद फरोख्त की शिकायतें मिल रहीं थीं और महबूबा मुफ्ती भी शिकायत कर रहीं थीं कि उनके विधायकों को धमकी दी जा रही है। वहीं, दूसरी पार्टी ने कहा कि पैसे के वितरण की भी योजना बनाई जा रही है। वह लोकतंत्र व राज्य के हित के लिए इसकी अनुमति नहीं दे सकते।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य विधानसभा को यह कहते हुए भंग कर दिया कि राज्य में स्थिरता और सुरक्षा का माहौल बनाने एवं स्पष्ट बहुमत वाली सरकार के गठन के लिए उचित समय पर चुनाव कराने के इरादे से विधानसभा को भंग किया जा रहा है। परस्पर विरोधी विचारधारा वाले दलों द्वारा आपसी गठजोड़ करके एक स्थिर सरकार देना असंभव नजर आया। ये दल एक काम करने वाली सरकार बनाने से कहीं ज्यादा सत्ता प्राप्त करने के लिए आपस में जुड़े थे । 

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